Learn Astrology योग दिवस: राशि चक्र के अनुसार करें योगासन

योग दिवस: राशि चक्र के अनुसार करें योगासन

योग दिवस: राशि चक्र के अनुसार करें योगासन - GaneshaSpeaks

ज्योतिष में जैसे हर राशि के लिए शुभ दिन, शुभ रंग, शुभ तिथि और शुभ अंक अादि को निर्धारित किया गया है, उसी तरह राशि के मुताबिक कई अन्य बातों का भी निर्धारण किया जा सकता है। अापकी राशि में अापके व्यक्तित्व के साथ ही शारीरिक बनावट और खामियों का भी पता चल सकता है। इसके अाधार पर अापके लिए योगासनों का भी निर्धारण किया जा सकता है। कौन सा योग अापकी शारीरिक प्रकृति के लिए फायदेमंद और कौन सा नुकसानदेह है, इसे जाने बिना योग करने से नुकसान भी हो सकते हैं। राशि की मदद से अापको यह पता चल सकता है कि अापको शरीर के किस अंग को जागृत करने की जरूरत है। यहां अापको यह पता होना चाहिए कि हर राशि का शरीर के विभिन्न भागों के साथ संबंध है। ऐसे में इस अाधार पर ग्रहों के प्रभाव का आकलन करते हुए योगासन भी निर्धारित किया गया है। तो अाइए अाप भी अपनी राशि के मुताबिक योगासन कर खुद को शारीरिक और मानसिक रुप से चुस्त और दुरुस्त रखने का प्रयास करें।

मेष राशि

मेष राशि का तत्व अग्नि और स्वामी मंगल होता है। इनमें ऊर्जा और उत्साह काफी मात्रा में होता है। इनके लिए उत्तानासन, जानुशीर्षासन और शवासन योग एक बेहतर विकल्प होता है। इसके अलावा वीरभद्रासन योग भी करना चाहिए। इससे शरीर में स्थिरता और संतुलन में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा उत्तानासन रीढ़ की हड्डी, गर्दन और पीठ के लिए फायदेमंद होने के साथ ही मष्तिष्क को भी शांत करता है। इसी तरह जानुशीर्षासन से पाचन शक्ति और रक्तसंचार बढ़ता है। शवासन से घुटने और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है तो अधोमुख श्वानासन से रक्तसंचार सुचारु होने के साथ ही मष्तिष्क सक्रिय होता है।

वृष राशि

वृष राशि का तत्व पृथ्वी और स्वामी शुक्र होता है। इस राशि वाले पुरुषों के लिए भार उठाना और औरतों के लिए जिम जाना फायदेमंद होता है। गोमुखासन से इन्हें तनाव से मुक्ति मिलती है और स्वभाव में नरमी अाती है। इसके अलावा इन्हें वृक्षासन भी करना चाहिए। इससे जांघें, कंधे, पिंडली और पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं साथ ही तंत्रिका तंत्र के विकार दूर होते हैं।

मिथुन राशि

मिथुन राशि का तत्व वायु और स्वामी बुध होता है। इनमें ज्यादा काम करने की प्रवृत्ति होती है, जिससे ये जल्दी थक जाते हैं। इनके लिए भुजंगासन सही होता है। इससे कंधे और पीठ के नीचले हिस्से की परेशानियां दूर होती है। इन्हें नसों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। इनके लिए अपने श्वसन तंत्र का ध्यान रखना जरुरी होती है। इसमें हलासन कारगर साबित होता है।

कर्क राशि

कर्क राशि का तत्व जल और स्वामी चंद्रमा होता है। ये कल्पनाशील और भावुक होते हैं। इन्हें पेट संबंधी समस्याएं जैसे गैस और अपच के साथ ही पानी से जुड़ी बीमारियां और पैरों में दर्द की समस्या भी होती है। इन्हें नटराज अासन और अर्द्ध चंद्रासन करना चाहिए। इससे शारीरिक संतुलन बेहतर होता है। इनके लिए ध्यान, योग, अनुलोम-विलोम और प्राणायाम करना भी फायदेमंद होता है।

सिंह राशि

सिंह राशि का तत्व अग्नि और स्वामी सूर्य होता है। दिमागी परिश्रम के कारण इन्हें सिरदर्द और अांखों की समस्या के साथ ही पीठ दर्द की समस्या होती है। इनके लिए बिल्ली के पोज वाला मर्जरी अासन करना चाहिए। इसके अलावा सूर्य नमस्कार, मत्सयासन भी लाभदायक होता है। इससे श्वसन प्रणाली बेहतर होती है और मांसपेशियों का विकास होता है। खास तौर पर इन्हें दिल से संबंधित व्यायाम और योग करना चाहिए।

कन्या राशि

कन्या राशि का तत्व पृथ्वी और स्वामी बुध होता है। इन्हें पेट और पाचनतंत्र से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना रहती है। इसके लिए इन्हें मयूरासन करना चाहिए। इसके अलावा विपरीत करणी आसन भी फायदेमंद होता है। इस अासन में दोनों पैर दीवार के सहारे ऊपर रखा जाता है। इससे तनाव और बेचैनी दूर होती है। इसके साथ ही शीर्षासन भी करना सही होता है। खास तौर पर इनके लिए हल्के और अारामदायक व्यायाम फायदेमंद होते हैं।

तुला राशि

तुला राशि का तत्व वायु और स्वामी शुक्र होता है। वे अपनी उम्र से कम, आकर्षक और खूबसूरत दिखना चाहते हैं। इन्हें अक्सर कमर दर्द, गुर्दा / किडनी और सिरदर्द की समस्या रहती है। वृक्षासन से मानसिक संतुलन की प्राप्ति होती है। इनके लिए नाड़ी शोधन प्राणायाम का अभ्यास भी महत्वपूर्ण होता है। इससे श्वसन तंत्र बेहतर होता है और तनाव से मुक्ति मिलती है। इनके लिए जिम, तौराकी और ध्यान भी महत्वपूर्ण होता है।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि का तत्व जल और स्वामी मंगल और केतु हैं। वे जुनूनी और कामुक स्वभाव के होते हैं और दिखावे के लिए ही सही, लेकिन जिम जाना पसंद करते हैं। इनके लिए पद्मासन बेहतर होता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है। इसके अलावा उष्ट्रासन और बद्ध कोणासन भी महत्वपूर्ण होता है। उष्ट्रासन से पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं तो बद्ध कोणासन से रक्त संचार ठीक होता है और हृदय स्वस्थ रहता है साथ ही प्राइवेट पार्टस की समस्याओं में भी लाभ होता है। इन्हें स्पोर्ट्स पर भी ध्यान देना चाहिए।

धनु राशि

धनु राशि का तत्व अग्नि और स्वामी गुरु होता है। इन्हें सायटिका, जोड़ों और कुल्हों के दर्द की भी शिकायत रहती है। इनके लिए कपोतासन और सुप्त मत्स्येन्द्रासन बेहतर होता है। इससे कूल्हों के जोड़ों के दर्द, पीठ दर्द और तनाव से राहत मिलती है। इसके अलावा सुप्त पादांगुष्ठासन भी लाभकारी होती है। इससे पीठ दर्द, कमर दर्द, जांघ की नसों में खिंचाव अादि से भी राहत मिलती है। इन्हें स्पोर्ट्स पर भी ध्यान देना चाहिए।

मकर राशि

मकर राशि का तत्व पृथ्वी और स्वामी शनि हैं। चूंकि ये मेहनती होते हैं। ऐसे में इनके लिए ताड़ासन बेहतर होता है। इससे पैरों में मजबूती अाती है। इन्हें अपच, गठिया, पैरों में दर्द और मिर्गी अादि की शिकायत रहती है। ऐसे में इनके लिए उत्कटासन भी फायदेमंद होता है। इससे शरीर में मजबूती और उर्जा का एहसास होता है।

कुंभ राशि

कुंभ राशि का तत्व वायु और स्वामी शनि और राहु हैं। इस राशि के लोगों को रक्तचाप, पेट और नसों की समस्या और एनीमिया भी हो सकती हैं। इनके लिए अधोमुख श्वान अासन बेहतर होता है। इससे पैर, बाजू और कंधे मजबूत होते हैं। इसके अलावा अर्ध मत्स्येन्द्रासन आसन और भुजंगासन करना चाहिए। इससे पांचन तंत्र और रक्त संचार बेहतर होता है। दौड़ना भी इनके लिए फायदेमंद होता है।

मीन राशि

मीन राशि का तत्व जल और स्वामी गुरु और नेप्च्यून हैं। मीन राशि वालों को बालासन करना चाहिए ताकि इनकी सकारात्मकता बनी रहे। इन्हें नसों से संबंधित समस्याओं के अलावा अनिद्रा, एनीमिया और पेट या पानी से संबंधित बीमारियां होती हैं। इन्हें हलासन, प्राणायाम और सर्वांगासन से भी लाभ होता है। इससे कमर दर्द, अनिद्रा और एनीमिया अादि से राहत मिलती है। इनके लिए तैराकी के साथ ही सुबह और शाम टहलना भी फायदेमंद होता है।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम