कुंडली के चौथे भाव में बुध का महत्व
वैदिक ज्योतिष में कुंडली को बेहद महत्वपूर्ण और खास स्थान प्राप्त है, दरअसल यदि ऐसा कहा जाए की कुंडली के इर्द-गिर्द ही सामान्य ज्योतिष का ताना-बाना बुना गया है, तो भी यह गलत नहीं होगा। कुंडली के आधार पर ही कोई ज्योतिष काल गणना का सटीक अध्ययन कर सकता है। बुध ग्रह रजोगुणी और पृथ्वी तत्त्व प्रधान है। बुध को उत्तर दिशा का स्वामी माना गया है, इसके रंग की तुलना भगवान गणेश को चढ़ने वाली दूर्वा से की जा सकती है। यह एक चर प्रकृति का ग्रह है। बुध मिश्रित रस, धातु स्वर्ण तथा इसके अधिपति देवता विष्णु है। ग्रह मंडल में बुध को राजकुमार का पद प्राप्त है। कुंडली में बुध को मिथुन एवं कन्या राशि का स्वामी माना गया है। बुध के सूर्य और शुक्र के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध है। वहीं चंद्रमा के साथ इसके शत्रुपूर्ण और मंगल-गुरु-शनि के साथ बुध के समभाव संबंध है। बुध को एक राशि भ्रमण में लगभग 23 दिनों का समय लगता है।वहीं कुंडली का चौथा भाव सुख भाव या मातृस्थान के नाम से जाना जाता है। इस भाव का संबंध माता, सुख, मकान, वाहन, जमीन, कृषि, बाग-बगीचा, स्कूल-कॉलेज की शिक्षा, मन, तृष्णा, लालसा, महत्वाकांक्षा, घनिष्ठ प्रेम और मातृ सुख जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से होता है। कुंडली के चौथे भाव में बुध प्राथमिक शिक्षा, भावनात्मक जुड़ाव, मां से स्नेह व देखभाल और घरेलू सुख जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।
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सकारात्मक
वैदिक ज्योतिष में चौथे घर में बुध का प्रभाव आपको एक बेहद कल्पनाशील व्यक्ति बना सकता है। जो हर तरह के असामान्य विचारों और योजनाओं का सपना देखतें है। ऐसे जातकों की स्मृति शक्ति बेहद प्रभावी होती है। ऐसे जातक बहुत सारी जानकारी एकत्र करने के लिए बुद्धिमत्ता और कल्पना शक्ति का उपयोग करते है। वे गणना में एक ही समय में तीव्र, जटिल और महत्वपूर्ण दिमाग के स्वामी हो सकते हैं। कुंडली के चौथे घर में बुध जातक गणितज्ञ, ज्योतिष या इससे मिलते जुलते क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने की क्षमता रखते है। वे इतिहास, मनोविज्ञान या राजनीति से संबंधित विषयों के प्रति अधिक झुकाव रख सकते हैं। कुंडली के चौथे घर में बुध की ऊर्जा जातक को नई चीजें सीखने और जीवन में आगे बढ़ने की जन्म जात इच्छा दे सकती है। वे प्रतिष्ठित संस्थानों और विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं। उनके जीवन में शिक्षा एक प्रमुख स्थान रखती है। ऐसे जातकों के व्यक्तित्व और बौद्धिक बातचीत में उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि की झलक देखने को मिल सकती है। वे अनुभवहीन लग सकते हैं, लेकिन वास्तव में वे अनुभवी और गतिशील होते हैं। उनकी क्षमताएं विशेष रूप से उनकी विचार प्रक्रिया में नजर आती है। वे लोगों का निरीक्षण करते हैं और उनके व्यवहार और बोलने के तरीके पर ध्यान देते हैं। इसके अलावा, वे स्थितियों का पूर्वानुमान लगाने में बहुत अच्छे होते है। चौथे घर में बुध वाले जातकों में भाषण, विनम्रता और संवाद कौशल से दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता होती है। वे अच्छे राजनयिक हो सकते हैं और परामर्श कौशल में अधिक कुशल हो सकते हैं। वे अपनी माँ के साथ एक अच्छा रिश्ता रखेंगे और उससे सारी सुख-सुविधाएँ प्राप्त कर सकते है।
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नकारात्मक
कुंडली के चौथे भाव में बुध जहां जातक के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम है। वहीं चौथे भाव में उनकी मौजूदगी कुछ नकारात्मक परिणामों की ओर भी इशारा करती नजर आती है। बुध उनकी सोच काफी व्यक्ति परक कर सकते है। वे संकीर्ण मानसिकता और पक्षपाती व्यवहार के शिकार हो सकते है। वे कम अनुकूलनीय हो सकते है। उनका चीजों और परिस्थितियों के प्रति संकीर्ण दृष्टिकोण हो सकता है। उन्हें किसी नए विचार या योजना को अपनाने की जल्दी नहीं होती है। वे अपनी सोच में काफी पारंपरिक हो सकते हैं, इसलिए आधुनिक सोच और विचारों के साथ आसानी से नहीं खुल सकते। इसके अलावा, वे जीवन के बदलावों को आसानी से नहीं अपना पाते है। यदि उन्हें एक नई दिनचर्या अपनानी पड़े तो वे अक्सर उसे अपनाने में असफल महसूस करते है।
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चौथे स्थान पर बुध जातक को लोगों और घटनाओं की लगातार छानबीन करने के लिए प्रेरित करते है। उनकी यह प्रवृत्ति उनके दिमाग में लगातार विचार पैदा करती है, जिन्हें नियंत्रित करना मुश्किल होता है। इसलिए, वे कई बार बैचेनी और थकावट महसूस करते हैं। वे अपनी बौद्धिक क्षमता के कारण लगातार सरकार की नीतियों की आलोचना करते है।कुंडली के चौथे स्थान पर बुध जातक को अपने विचारों और दृष्टिकोण पर अडिग बनाने का कार्य करते है। जिसके कारण लोगों के साथ उनके मतभेद भी हो सकते हैं। अपने विचारों पर अडिग होने के कारण वे अपने से भिन्न विचार रखने वाले लोगों से वैचारिक मतभेद रख सकते हैं। कभी-कभी उनकी भावनाएँ उन पर शासन कर सकती हैं। उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में परेशानी होती है। इस वजह से, वे हमेशा यह नहीं समझ पाते हैं कि वे किसी चीज को लेकर इतने परेशान क्यों हैं। ऐसी स्थिति में वे गुस्सा और निराशा महसूस कर सकते है। उन्हे महसूस होता है कि उन्होंने स्थिति पर अपना नियंत्रण खो दिया है। जब स्थिति उनके हाथ से निकलने लगती है तब वे अपने आसपास और प्रिय लोगों को परेशान कर सकते है।
निष्कर्ष
कुंडली के चौथे घर में बुध की मौजूदगी जातक को ईमानदार बनाती है। वे लोग अच्छे के साथ अच्छा और बुरे के साथ बुरा बर्ताव कर सकते है। कुंडली के चौथे स्थान पर बुध जातक की प्राथमिक शिक्षा, भावनात्मक जुड़ाव, मां से स्नेह व देखभाल और घरेलू सुख जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।
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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम