दीपावली का पावन त्यौहार कार्य सिद्धि एवं आर्थिक समृद्धि संबंधित प्रयोगों को सफलतापूर्वक करने के लिए अबुझ मुहुर्त है। छोटे छोटे उपाय करके भी हम आर्थिक समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। आप भी अपने अनुकूल एक या एक से अधिक उपायों को पूर्ण विश्वास के साथ करें। आपकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी और मां लक्ष्मी की कृपा अवश्य प्राप्त होगी।
उपाय क्रमांक – 1
आर्थिक वृद्धि के लिए सदैव शनिवार के दिन गेहूं पीसवाएं तथा गेहूं में एक मुट्ठी काला चना अवश्य डालें।
उपाय क्रमांक – 2
यदि आपके घर में पहली संतान पुत्र रत्न के रूप में आई हो तो उसका दांत जब भी गिरे उसे जमीन पर गिरने से पहले हाथ से उठाकर पवित्र स्थान पर रख दें और गुरू पुष्य नक्षत्र में दांत को गंगा जल से शुद्ध करें। उसे धूप-दीप दिखाकर चांदी की डिबिया में रख लें। इस डिबिया को सदैव अपने पास रखें या अपने धन स्थान में रखें। जब बच्चे का जन्म नक्षत्र आए तो पुनः दांत शुद्ध करें और उसे धूप-दीप दिखाएं। ऐसा प्रत्येक माह करें। आपके पास धन की कोई कमी नहीं होगी।
उपाय क्रमांक – 3
यदि आप आर्थिक रूप से बहुत ही समस्याग्रस्त हैं तो 21 शुक्रवार ”वैभव लक्ष्मी” का पूजन करें। साथ ही, उपवास करें और एक वर्ष से कम आयु की 5 कन्याओं को खीर एवं मिश्री प्रत्येक शुक्रवार को खिलाएं। कुछ समय बाद ही आपकी परेशानी कम होने लगेगी।
उपाय क्रमांक – 4
जन्म पत्रिका के बारहवें भाव के स्वामी ग्रह का दान अवश्य करना चाहिए, ऐसा करने से खर्च व्यय में कमी आती है एवं घर में सुख स्मृद्घि अपने पैर पसारने लगती है।
उपाय क्रमांक – 5
यदि आपके व्यय भाव में मंगल है तो बंदर को चना खिलाएं या सांड को गुड़ चना। यदि व्यय भाव में गुरू है तो विद्वान ब्राह्मण को शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाएं। यथा संभव पीली वस्तुओं एवं पुस्तकों का दान करें।
उपाय क्रमांक – 6
पीपल के वृक्ष में यथा संभव जल चढ़ाना चाहिए एवं परिक्रमा करनी चाहिए। यदि गंदे पानी का निकास स्थान (नाली/पाइप) पीपल के वृक्ष के समीप हो तो उसे बंद कर देना चाहिए।
उपाय क्रमांक – 7
घर के बुजुर्गों का मान सम्मान एवं उनकी उपस्थिति भी जातक की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती है।
उपाय क्रमांक – 8
कुत्तों को भोजन का कुछ अंश अवश्य दान करना चाहिए क्योंकि कुत्ते भैरव गण का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्हें दिया गया भोजन जातक के रोग व दरिद्रता में कमी करता है।
उपाय क्रमांक – 9
लक्ष्मी के स्थाई निवास हेतु भोजन की प्रथम रोटी या प्रथम भाग गाय के लिए निकालें। ऐसा यदि आप लगातार करते हैं तो लक्ष्मी को आपके घर में ठहरना ही पड़ेगा।
उपाय क्रमांक – 10
चींटियों को शक्कर मिश्रित आटा अवश्य खिलाएं।
उपाय क्रमांक – 11
प्रत्येक शनिवार को घर की साफ-सफाई (धूल, कचरा, मकड़ी जाला, रद्दी, टूटी-फूटी सामग्रियां की) अवश्य करें।
उपाय क्रमांक – 12
दरिद्र, असहाय तथा हिजड़ों की सहायता दान स्वरूप करनी चाहिए। यदि संभव हो सके तो हिजड़ों को दिए गए पैसे में एक सिक्का लेकर गले में या अपने पास रखें। हरी इलायची भी खिला सकते हैं।
उपाय क्रमांक – 13
संध्या समय घर में झाडू-पोंछा ना करें। संध्या होने से पूर्व घर में प्रकाश अवश्य करें। बिजली जला देना ही पर्याप्त नहीं, प्रकाश दीपक का होना चाहिए। सुहागिन महिलाएं प्रसन्न मन से देवी-देवताओं को धूप-दीप दिखाएं। गुरूवार के दिन किसी भी सुहागिन महिला को सुहाग सामग्री दान में देने का नियम पालन करें। चमत्कारिक लाभ प्राप्त होंगे।
उपाय क्रमांक – 14
दीपावली की रात्रि में एक मोती शंख या दक्षिणावर्ती शंख को दीपावली पूजन के साथ ही पूजें। किसी भी लक्ष्मी मंत्र की पांच माला या ”श्री सुक्त” के सात पाठ करें। शंख को पूजा स्थान पर ही रहने दें। अगले दिन प्रातःकाल स्नान करके लाल आसन पर बैठकर अपने सामने शंख को रखकर उसी मंत्र का या ”श्री सुक्त” का पाठ करें। प्रत्येक मंत्र के बाद एक साबुत चावल का दाना शंख में डालें। इस प्रकार आप 108 बार मंत्र पाठ कर इतने ही चावल के दाने शंख में डालें। इस प्रकार प्रत्येक दिन पाठ करें। यह आपको तब तक करना है तब तक कि शंख चावलों से न भर जाए। जिस दिन शंख भर जाये उस दिन शाम को एक सुहागिन एवं पांच एक वर्ष से कम उम्र की कन्याओं और कम से कम एक ब्राह्मण को भोजन करवाकर और दक्षिणा देकर विदा करें तथा शंख को किसी लाल वस्त्र में बांधकर अपने धन स्थान में रख दें। जिस दिन यह उपाय विधि समाप्त हो। उसके अगले 40 दिन तक शंख को धूप अवश्य दिखाएं। इसके बाद शंख को पूजा स्थान या धन स्थान में रखकर भूल जाएं। आपके इस प्रयोग से मां लक्ष्मी का आपके यहां स्थायी वास हो जाएगा। सावधानी यह रखनी है कि इस प्रयोग की चर्चा किसी से ना करें और जो चावल प्रयोग में लाएं गए हैं, वे खण्डित ना हों।
उपाय क्रमांक – 15
शास्त्रानुसार प्रत्येक पूर्णिमा पर प्रातः 10 बजे पीपल वृक्ष पर मां लक्ष्मी का फेरा लगता है। इसलिए जो व्यक्ति आर्थिक रूप से परेशान हो वो इस समय पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी की उपासना करें और कम से कम कोई भी एक लक्ष्मी मंत्र की एक माला करके आए।
इसके अलावा यदि आप चाहें तो अपने घर या कार्यालय में बने पूजा स्थल पर श्री यंत्र की स्थापना कर सकते हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप ज्योतिषी से बात कीजिए
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम