साल 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर में सामने आये कोरोना वायरस के पहले मामले के बाद अभी तक इस वायरस से दुनियाभर में 3279 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है। अभी तक दुनिया के कुल 79 देशों में कोराना वायरस के मामले दर्ज किये जा चुके है। इस खतरनाक वायरस का आधिकारिक नाम नोवेल कोरोना वायरस-19 (COVID-19) है। 23 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए, इसे अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। भारत में अब तक इसके 30 ताजा मामले सामने आ चुके है। दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगभग 95,265 के पार पहुंच चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित दुनियाभर से अग्रणी देश इस बीमारी को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे है। लेकिन कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ते ही जा रहे है। कोरोना वायरस अपडेट के लिए देश सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे है। लेकिन फिर भी लोगों के मन में कई तरह के सवाल पनप रहे है। जैसे क्या कोरोना वायरस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैल चुका है? क्या कोरोना वायरस संक्रमण को रोका जा सकता है? कोरोना वायरस कब खत्म होगा? जैसे सवाल लोगों के मन में पनप रहे है। कोरोना वायरस से संबंधित इन सवालों के जवाब देने के लिए हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों ने चायना की कुंडली का अध्ययन किया। क्योंकि चायना से ही इस वायरस के फैलने की शुरूआत हुई थी। हमने चीन की कुंडली और मौजूदा ग्रह गोचर से कोराना वायरस के आगामी प्रभावों को जानने की कोशिश की है। हमारी अनुभवी ज्योतिष टीम ने इसके मौजूदा प्रभाव और आने वाले समय में इसके महामारी में परिवर्तित होने की संभावनों को टटोलने की कोशिश की है।
चीन की सूर्य कुंडली
चीन की सूर्य कुंडली में ग्रहों की स्थिति
चीन की कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर नजर डालें तो कुंडली में कन्या लग्न का उदय हो रहा है। कुंडली से दसरे भाव में शुक्र स्वराशि में मौजूद है, वहीं पांचवें भाव में चंद्रमा बैठे। कुंडली के सातवे भाव में राहु और अष्टमेश मंगल लाभ स्थान पर बैठे है। व्यय स्थान पर शनि मौजूद है, जो जन्म के शुक्र, पीड़ा स्थान और भाग्य स्थान पर दृष्टि डाल रहे है। लग्न स्थान पर सूर्य, बुध और केतु के साथ बैठे है। हालांकि बुध स्वराशि में बैठे है लेकिन वे वक्री है।
गोचर ग्रहों की कुंडली
वर्तमान गोचर ग्रह
उपर हमने चीन की सूर्य कुंडली में ग्रहों की स्थिति का अवलोकन किया है। अब हम मौजूदा समय में ग्रहों की स्थिति का आंकलन करेंगे। उपरोक्त कुंडली नंबर 2 मौजूदा गोचर ग्रह स्थिति को दर्शाती है। गोचर कुंडली में भी कन्या लग्न का उदय हो रहा है। लेकिन गोचर कुंडली में बहुत से ग्रह एक भाव में बैठे नजर आते है। अधिक ग्रहों का एक भाव में बैठना बेहद सकारात्मक संकेत नहीं देते है। क्योंकि जब ग्रह एक साथ किसी भाव में मौजूद होते है तो उनमें घर्षण बढ़ने लगता है। गोचर कुंडली के चैथे भाव में केतु मंगल और गुरू युति बनाकर बैठे है। शनि स्वराशि मकर में बैठे है और बुध वक्री होकर सूर्य के साथ छठे भाव में बैठे है। कुंडली के आठवें भाव में शुक्र, दसवें भाव में चंद्रमा-राहु के साथ युति में बैठे हैं। गौरतलब है कि राहु चंद्रमा को अपना विरोधी ग्रह मानता है।
ज्योतिषीय आंकलन
उपरोक्त ग्रह स्थितियों को समझने के बाद यहां यह साफ कर देना बेहतर होगा कि, गुरू एक लाभकारी ग्रह है, और कुछ विशेष स्थितियों को छोड़कर कुंडली में लाभ देने का ही कार्य करते है। वहीं राहु एक छाया ग्रह है, जिसे पापी या क्रूर ग्रह भी माना गया है। मंगल का संबंध खून से होता है, वह खून का अधिपति है, और शरीर संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गोचर कुंडली में गुरू-केतु और मंगल का संयोजन धनु राशि में हो रहा है धनु के स्वामी गुरू है। कुंडली में इन ग्रहों के संयोजन के कारण दो खतरनाक और दुष्प्रभाव देने वाले योग नजर आते है। गुरू व केतु मिलकर विप्रचांडाल दोष और मंगल और केतु मिलकर अंगारक दोष का निर्माण करते है। कुंडली में बने इन्ही दोष के कारण कोरोना वायरस तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है। ऐसा देखा गया है कि जब-जब गुरू और मंगल किसी प्रतिकूल परिस्थिति में होते है तब बड़े संक्रमण या वायरस के महामारी में परिवर्तित होने की संभावना अधिक होती है। फिलहाल चीन की सूर्य कुंडली के चैथे भाव के उपर से गुरू-केतु और मंगल का महासंयोजन गुजर रहा है। इसी कारण फिलहाल कोरोना वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है।
कोरोना वायरस से कब मिलेगी निजात
विश्व स्वास्थ्य संगठन की आधिकारिक वेब साइट पर कोरोना वायरस से संबंधित आंकड़ों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। हर गुजरते दिन के साथ किसी नए देश का नाम कोरोना संक्रमित देशों की सूची में जुड़ता जा रहा है। कोरोना वायरस के प्रकोप से देश दुनिया को ना सिर्फ सामाजिक बल्कि आर्थिक व व्यापारिक नुकसान भी झेलने पड़ रहे है। लेकिन चीन की सूर्य कुंडली और गोचर ग्रहों के अध्ययन के बाद फिलहाल इस संक्रमण के स्तर में कोई कमी आते दिखाई नहीं देती है। लेकिन आगामी समय में इस संक्रमण के प्रभाव में कुछ कमी आने की संभावना जरूर दिखाई देती है। अधिक सटीकता से कहें तो 30 मार्च 2020 के बाद इस वायरस से कुछ हद तक राहत मिलने की संभावना है। कुंडली में बन रही स्थिति के अनुसार आगामी 30 जून से 19 सितंबर तक गुरू व केतु का पुनः समायोजन होने वाला है। गुरू और केतु का यह समायोजन किसी अन्य वायरस या महामारी की संभावनाओं को भी बल देने का कार्य करता है। वहीं यदि पौराणिक वाक्य वसुधैव कुटुंबकम के अनुसार पूरी दुनिया की बात की जाये तो 20 सितंबर 2020 के बाद इस तरह के संक्रमण से पूरी तरह निजात मिलने की संभावना नजर आती है।
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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम