भविष्यवाणियों चन्द्र राशि मिथुन पर शनि के गोचर का प्रभाव

चन्द्र राशि मिथुन पर शनि के गोचर का प्रभाव

23 जनवरी, 2020 से शनि, मकर राशि में प्रवेश करने जा रहा है। शनि, जो कि एक कार्यवाहक, अनुशासक और स्वाभाविक रूप से हानिकारक ग्रह के रूप में जाना जाता है। इसको सभी 12 राशियों से गुजरने में लगभग 30 वर्ष लगते हैं। यह अन्य सभी राशियों की यात्रा पूरी करने के बाद 30 साल बाद अपनी स्वयं की राशि में घर वापसी करने जा रहा है। शनि करीब ढाई साल तक मकर राशि में वक्री रहेगा, और अप्रैल 2022 से कुंभ राशि में गोचर करेगा।

मिथुन राशि जातकों की कुंडली में शनि आठवें और नौवें भाव (भाग्य का घर) पर शासन करता है। इस बार जुड़वाँ लोगों की जन्म कुंडली के आठवें घर में शनि का स्वागत आगमन होगा। यह घर दीर्घायु, अप्रत्याशितता, अपमान और विरासत का कारक है। शनि का यह परागमन आपको अपने कार्यों में सुव्यवस्थित बनाएगा, और कठिनाइयों के रूप में आपको परीक्षण भी करेगा। आप इससे कैसे बाहर आते हैं, यह आपके प्रयासों और समझ के ऊपर निर्भर करेगा।


वर्ष 2017 से शनि के धनु राशि में गोचर से आपको चीजों का विश्लेषण करने और प्रसिद्धि अर्जित करने के मामले में गति प्राप्त करने में मदद मिली होगी। विवाहितों ने जीवनसाथी के प्रति ध्यान देना और अविवाहितों ने अपने व्यक्तित्व में सुधर करना सीखा होगा। पिछले ढाई साल आपके जीवन में कुछ विश्वास संबंधी मुद्दे लाये होंगे। लेकिन यदि आप कठोर शिक्षक शनि के एक अच्छे छात्र रहे होंगे तो जीवन के मूल्यों का अहसास होने पर अपने आप में बदलाव ज़रूर किया होगा। चलिए अब जानते हैं कि आने वाले शनि के गोचर का मिथुन राशि पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

चन्द्र राशि मिथुन पर शनि गोचर का प्रभाव 23 जनवरी, 2020 से अप्रैल 2022 तक रहेगा।

(कृपया ध्यान दें: यह भविष्यवाणी चन्द्र राशि के अनुसार की गयी है।)

शनि के मकर राशि में परागमन के दौरान मिथुन जातकों का जीवन थोड़ा कठिन रहने वाला है। गणेशजी कहते हैं कि आप पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में विभिन्न उतार-चढ़ावों से गुजरेंगे। इसके लिए जरूरी है कि मिथुन जातक साहसी बनें और समस्याओं से निपटते समय अत्यंत समझदारी से काम लें।


  • पदोन्नति और मूल्यांकन प्राप्त करने में देरी हो सकती है।
  • सहकर्मियों सहयोग नहीं करेंगे और प्रगति में बाधक हो सकते हैं।
  • आत्मविश्वास में कमी आने के कारण नौकरी छोड़नी पड़ सकती है।
  • शनि के इस परागमन के दौरान कड़ी मेहनत करना और धैर्य रखना बहुत ज़रूरी है।
  • कार्यस्थल पर किये गए प्रयासों के अनुरूप वांछित परिणाम प्राप्त करने में असफल हो सकते हैं।

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  • व्यापार में अचानक समस्या आने की संभावना है।
  • व्यावसायिक ज़रूरतों को पूरा करना मुश्किल हो सकता है।
  • व्यापार कारोबार को प्रभावित होगा और लाभ में देरी हो सकती है।
  • व्यापार में मंदी हताशा के स्तर को बढ़ाएगी, जिससे निराशा हो सकती है।
  • व्यवसाय के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा और चुनौतियों को तलाशने की कोशिश करें।
  • परियोजनाओं में किए गए प्रयास और मिलने वाले परिणाम बहुत भिन्न हो सकते हैं।
  • व्यावसायिक व्यक्तियों को बिक्री लक्ष्य प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

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  • ख़र्चों पर ध्यान रखें और अपव्ययी न बनें।
  • तीर्थों की यात्रा पर धन खर्च की संभावना है।
  • सावधान रहें और पैसों के मामले में अत्यधिक सख़्ती बरतें।
  • परागमन के दौरान वित्त संबंधी कुछ चुनौतियाँ आ सकती हैं।
  • आर्थिक तंगी के कारण धन की समस्या को प्रबंधित करना मुश्किल होगा।
  • व्यवसाय, निवेश और आय के अन्य स्रोत में वित्तीय नुकसान हो सकता है।

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  • प्रेमी से दूरियाँ रिश्ते में घर्षण पैदा कर सकती हैं।
  • प्रेम संबंधों में कई सारी ग़लतफ़हमियाँ हो सकती हैं।
  • साथी के साथ संवाद करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें।
  • प्रेमी एक दूसरे की उम्मीदों को समझने में असफल हो सकते हैं।
  • कड़े वचन किसी भी कमज़ोर परिस्थिति को और नाज़ुक बना सकते हैं।
  • विवाहित लोग जीवनसाथी के साथ भयंकर परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं।
  • अगर संभव हो सके तो परागमन के दौरान समस्याओं को हल करने की कोशिश करें।
  • अपनी वाणी पर संयम रखने और किसी को कष्ट न देने वाले शब्द बोलने की सलाह दी जाती है।
  • रिश्तों में घर्षण, अवरोधक पैदा कर सकते हैं। जिसके भयानक परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।

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  • पैदल या वहां से यात्रा करते समय सावधान रहें।
  • दिल-दिमाग, मन-मस्तिष्क को शांत रखें व ध्यान केंद्रित रखे।
  • करियर और व्यसाय में समस्याओं के कारण तनाव हो सकता है।
  • विचारों के बिखराव के कारण वाहन चलाते समय विचलित हो सकते हैं।
  • बुजुर्गों को परागमन के दौरान घुटनों का प्रतिरोपण करवाना पड़ सकता है।
  • जीवन के अन्य क्षेत्रों में आ रही समस्याओं का प्रतिकूल प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।

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शनि देवता मात्र कहने के लिए ही कठोर शिक्षक नहीं। बल्कि यह सुनिश्चित करते हैं, कि जितनी भी परीक्षाएं ली जाये, उनसे आप जीवन की महत्वपूर्ण शिक्षा ग्रहण करें। जब आप संघर्ष करते हैं, तब तो वे बुरे लगते हैं। लेकिन जब आप इनका सामना कर के बाहर आते हैं, तो ये आपके जीवन में एक बहुत बड़ा सकारात्मक बदलाव लाते हैं। जो जीवन पर्यन्त आपकी भलाई के लिए काम करते हैं।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
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