भविष्यवाणियों वेलेंटाइन डे स्पेशल – प्रेम और वैवाहिक जीवन के नैसर्गिक स्वामी शुक्र का मीन में गोचर, जानिए अपनी राशि पर प्रभाव

वेलेंटाइन डे स्पेशल – प्रेम और वैवाहिक जीवन के नैसर्गिक स्वामी शुक्र का मीन में गोचर, जानिए अपनी राशि पर प्रभाव

वेलेंटाइन डे स्पेशल – प्रेम और वैवाहिक जीवन के नैसर्गिक स्वामी शुक्र का मीन में गोचर, जानिए अपनी राशि पर प्रभाव

पश्चिमी देशों में वीनस या सिस्टर प्लेनेट ऑफ अर्थ के नाम से पहचाने जाने वाले शुक्र को वैदिक ज्योतिष में बेहद ही शक्तिशाली और प्रभावी ग्रह की संज्ञा मिली है। शुक्र का मनुष्य के शरीर की सात धातुओं में से एक पर अधिपत्य होता है। शुक्र काल पुरूष के सौंदर्य का प्रतीक होकर, प्रेम और वैवाहिक जीवन के नैसर्गिक सुख प्रदान करते है। शुक्र के शुभ प्रभाव में जातक दयालु, मिलनसार, सुंदर, मोहक, मुखाकृति, ललित कला में माहिर, शांतिप्रिय, यशस्वी, उदार, अतिथि प्रिय तथा सदैव खुशमिजाज रहने वाला होता है। वहीं शुक्र के अशुभ प्रभाव में गृह जीवन में कलह, प्रणय में संदेह, हठवादिता, आर्थिक संकट, त्वचा, गले में खराश, प्रजनन अंग, गुप्तांग, नसों के विक़ार जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

सौमंडलीय क्रम में सूर्य से दूसरे नंबर का ग्रह होने के कारण शुक्र को एक राशि के भ्रमण में लगभग 23 दिनों का समय लगता है। मौजूदा स्थिति में शुक्र कुंभ राशि में गोचर कर रहे है, लेकिन 3 फरवरी को वे राशि परिवर्तन कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मीन जल तत्व की राशि है, और राशिचक्र के क्रम में इसका नंबर बारहवां है। मीन के स्वामी गुरू है, और शुक्र के तुल्य है। शुक्र का मीन गोचर 2020, 3 फरवरी से 29 फरवरी तक राशिचक्र की तमाम राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव डालने वाला है। आइए राशियों के अनुसार विस्तार से जानने की कोशिश करते है, कि शुक्र के मीन गोचर 2020, राशियों पर कैसे प्रभाव डाल रहा है ?

शुक्र गोचर का मेष राशि पर प्रभाव

शुक्र का मीन गोचर चंद्र राशि मेष कुंडली के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालते ही दिखाई देता है। हालांकि इस दौरान आपको कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह है। शुक्र का मीन गोचर कुंडली के बारहवें स्थान पर हो रहा है, इस दौरान शुक्र कुंडली के दूसरे और सातवें भाव का स्वामी भी है। कुंडली का बारहवां भाव व्यय स्थान कहलाता है, और इसका संबंध जीवन के खर्च, व्यय, भोगविलास, राज्य भय, जेल, विदेश यात्रा, शयन सुख और नुकसान-हानि जैसे क्षेत्रों से होता है।

शुक्र के मीन गोचर के दौरान मेष राशि जातकों के रिश्तों में बेहद ही सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे। इस दौरान प्रेम, विवाह व निजी जीवन के रिश्तों में सुधार होगा। इस दौरान आप अपने रिश्तों के आपसी तालमेल से खुश रहने वाले है। हालांकि इस दौरान आपके ख़र्चे आपको तनाव में डालने का काम कर सकते है। शुक्र के मीन गोचर के दौरान मेष राशि जातकों के लिए कुछ लंबी दूरी की यात्राओं के भी संयोग बनते दिखाई देते है। इस दौरान आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि शुक्र गोचर 2020 के दौरान आपको स्वास्थ्य से संबंधित कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अपने खाने और सोने की आदतों में सुधार करने की कोशिश करें, बाहर का फास्ट फूड खाना छोड़े और अपने आहार में पौष्टिक चीजें शामिल करें।

शुक्र गोचर का वृषभ राशि पर प्रभाव

वृषभ व तुला राशि के स्वामी शुक्र का गोचर जल तत्व की राशि मीन में हो रहा है, वृषभ राशि पर इस शुक्र गोचर के सर्वांगिंण सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे। इस गोचर के दौरान शुक्र चंद्र राशि वृषभ कुंडली के दसवें भाव से ग्यारहवें भाव में गोचर करने वाले है। इसी के साथ शुक्र कुंडली के छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी भी है। कुंडली का ग्यारहवां भाव लाभ स्थान होकर दिन प्रतिदिन के लाभ, इच्छाशक्ति, मांगलिक कार्य, यश, कीर्ति, सार्वजनिक जीवन, अधिक लाभ, महत्वाकांक्षा, और विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंध रखता है।

शुक्र वृषभ लग्न कुंडली के लग्नेश होकर कुंडली के ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहे है। इस स्थान पर शुक्र का भ्रमण वृषभ जातकों के लिए बेहद फलदायी और लाभकारी होने वाला है। शुक्र के मीन गोचर 2020 के दौरान आपको आर्थिक लाभ होने की संभावना दिखाई देती है। इसी के साथ आपकी उन महत्वकांक्षाओं को भी ज़मीन मिलने की उम्मीद है, जिनको आपने अपना लक्ष्य बना रखा है। इस दौरान आप अपने निजी और व्यक्तिगत जीवन में अधिक बेहतर तालमेल बैठा पाएंगे। इस दौरान आप परिवार या जीवन साथी के साथ किसी यात्रा का आनंद ले सकते है। इस दौरान आपको अपने करियर में पदोन्नति या वेतन वृद्धि, संभवतः दोनों ही मिलने वाले है। इस दौरान पेशेवर या नौकरीपेशा दोनों ही जातकों को अपनी मेहनत का उचित फल मिलता दिखाई देता है। इस दौरान परिवार और दोस्तों से आपके रिश्ते अधिक बेहतर होंगे और आप उनके साथ कुछ मजेदार समय गुजार सकते है। शुक्र के मीन गोचर के दौरान आपका स्वास्थ्य भी आपका साथ देने वाला है, क्योंकि इस दौरान शुक्र के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव देखने को नहीं मिलेंगे।

शुक्र गोचर का मिथुन राशि पर प्रभाव

चंद्र राशि मिथुन कुंडली के दसवें भाव में गोचर हो रहा शुक्र कुंडली के सभी क्षेत्रों में मिला-जुला असर डालने वाला है। कुंडली के दसवें भाव में शुक्र का गोचर जल तत्व राशि मीन में होने जा रहा है। कुंडली का दसवां भाव कर्म स्थान होकर, कर्म, व्यापार, करियर, पद, वैभव, समृद्धि, सर्वोच्च सत्ता पद, सार्वजनिक जीवन और मान-सम्मान से संबंध रखता है। कुंडली के पांचवें और बारहवें भाव का स्वामी भी शुक्र ही है।

शुक्र का मीन गोचर मिथुन राशि जातकों पर मिले-जुले प्रभाव डालने वाला है, इस दौरान आपको अपने कार्य क्षेत्र में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इससे आपका तनाव बढ़ेगा और काम के दबाव के कारण आप अपने परिवार के साथ अच्छा समय नहीं बिता पाएंगे। आर्थिक मोर्चों पर भी इस दौरान कुछ सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, क्योंकि शुक्र का मीन गोचर किसी आर्थिक नुकसान की ओर भी इशारा करता है। इस दौरान आप अपने निजी जीवन में भी कुछ परेशानियों का सामना करने वाले है। शुक्र के मीन गोचर के दौरान आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि परिवार या वैवाहिक संबंधों में होने वाली छोटी-मोटी नोक-झोंक को बड़े विवाद में तब्दील न होने दें। शुक्र गोचर के दौरान स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

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शुक्र गोचर का कर्क राशि पर प्रभाव

मीन में शुक्र गोचर के दौरान चंद्र राशि कर्क कुंडली के चौथे और ग्यारहवें भाव का स्वामी शुक्र है। मीन में शुक्र गोचर 2020, कर्क कुंडली के नौवें भाव में घटित होने वाला है। कुंडली का नौवां भाव भाग्य स्थान होकर, धर्म, गुरू, आध्यात्मिक भाव, विदेश यात्रा, वैभव, सन्यास और दक्षिण भारत में इसे पिता के स्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है, वहीं उत्तर भारत में पिता का स्थान दसवां माना जाता है।

शुक्र का मीन गोचर, कर्क राशि जातकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ही लेकर आने वाला है। इस दौरान शुक्र का कुंडली के भाग्य स्थान पर गोचर आपको धर्म और आध्यात्म की ओर आकर्षित करने वाला है। इस दौरान आप अपने परिवार या जीवन साथी के साथ धार्मिक यात्रा अथवा किसी पारिवारिक समारोह में शामिल हो सकते है। इस दौरान आपके वैवाहिक जीवन में भी प्रेम और स्नेह बढ़ेगा जिससे आपके आपसी रिश्ते अधिक बेहतर होते दिखाई देते है। पेशेवर जीवन में भी आपको वृद्धि होती दिखाई देगी। इस दौरान आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलने वाला है। शुक्र के मीन गोचर के दौरान शिक्षा प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील जातकों को बेहतर परिणाम मिलने की संभावना है। इसी के साथ उन छात्रों को भी लाभ होता दिखाई देता है, जो विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील है।

शुक्र गोचर का सिंह राशि पर प्रभाव

चंद्र राशि सिंह कुंडली के आठवें भाव में गोचर हो रहे शुक्र सिंह राशि जातकों के लिए औसत परिणाम देने वाले है। कुंडली का आठवां भाव आयुष्य भाव के नाम से जाना जाता है, इसका संबंध जातक के मृत्यु, विरासत, दुर्घटना, भयंकर नुकसान, वैराग्य, आत्महत्या, अप्रत्याशित मौत, भूमि गत धन, अकास्किम धन लाभ, रहस्य विद्या, लंबी बीमारी और महिलाओं के लिए पति की उम्र से संबंध होता है। सिंह कुंडली के तीसरे और दसवें भाव के स्वामी भी शुक्र है, इसलिए इन स्थानों से संबंधित प्रभाव भी शुक्र के मीन गोचर के दौरान सिंह राशि पर देखने को मिलेंगे।

शुक्र के मीन गोचर के साथ ही आपको करियर से संबंधित कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आप अपने लक्ष्य से भी भटक सकते है, जिससे आपको प्रत्याशित परिणाम प्राप्त करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपके वैवाहिक जीवन में भी असंतोष उभरकर सामने आ सकते है। आप के प्रेम संबंधों में नीरसता और तनाव की स्थिति बनने की संभावना है। इस दौरान आप अपने साथी के साथ अच्छा समय बिताने में भी परेशानियों का सामना करने वाले है। शुक्र के कुंभ गोचर के दौरान आपको सामने आने वाली परिस्थितियों का धैर्य और धीरज के साथ सामना करना चाहिए।

शुक्र गोचर का कन्या राशि पर प्रभाव

शुक्र का मीन गोचर, कन्या राशि जातकों पर मिलाजुला प्रभाव डालने वाला है। इस दौरान चंद्र राशि कन्या कुंडली के सातवें भाव में शुक्र का गोचर होने वाला है साथ ही शुक्र दूसरे और नौवें भाव का स्वामी भी है। कुंडली का सातवां भाव बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावी स्थान है, इसे कलत्र स्थान के नाम से भी जाना जाता है। सातवें भाव का संबंध पति, पत्नी, हिस्सेदार, साझेदार, दांपत्य सुख, सार्वजनिक एवं सामाजिक जीवन, प्रजनन अंग, तलाक और समुद्री सफर से होता है।

शुक्र का जल तत्व की राशि मीन में गोचर, कन्या कुंडली पर मिले-जुले शुभ-अशुभ प्रभाव डालने वाला है। इस दौरान कन्या राशि जातक अपने रिश्तों में प्रेम और स्नेह के लाभार्थी बनेंगे, हालांकि इससे ज्यादा की अपेक्षा आपके लिए भ्रम की स्थिति पैदा कर सकती है। इस दौरान करियर के क्षेत्र में आप उन्नति की ओर अग्रसर होंगे, आपके अपने सहकर्मी और सहयोगियों से रिश्ते भी बेहतर होने वाले है। इस समयावधि में व्यापारी वर्ग के लिए भी लाभार्जन के मौके दिखाई देते है। हालांकि स्वास्थ्य एक ऐसा पहलू है जहां आपको अपना ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। क्योंकि शुक्र के मीन गोचर के दौरान कन्या राशि जातक स्वास्थ्य से संबंधित कुछ समस्याओं का सामना कर सकते है।

शुक्र गोचर का तुला राशि पर प्रभाव

चंद्र राशि तुला कुंडली के पहले और आठवें भाव के स्वामी शुक्र है, और शुक्र का गोचर कुंडली के छठे भाव में जल तत्व की राशि मीन में हो रहा है। कुंडली का छठा भाव शत्रु स्थान होकर, जीवन की पीड़ा, रोग की अवधि, शत्रु, दैनिक कार्य, बीमारी, कर्ज, उधार लेन-देन और आपरेशन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों से संबंध रखता है। तुला कुंडली के पहले और आठवें भाव के स्वामी भी शुक्र है, इसलिए इस स्थान से संबंध रखने वाले क्षेत्रों पर शुक्र गोचर का प्रभाव देखने को मिलेगा।

शुक्र का जल तत्व की राशि मीन में गोचर तुला राशि जातकों को औसत परिणाम देने का काम करेगा। इस दौरान तुला राशि जातक अपने व्यापार-व्यवसाय और करियर में प्रतिस्पर्धा और अन्य मुश्किलों का सामना करने वाले है। इस दौरान आपके कार्य क्षेत्र में आपके शत्रुओं के बढ़ने की संभावना नजर आती है, जिससे आपका मानसिक तनाव बढ़ने की भी संभावना है। इस दौरान आपको अपने व्यापारिक सौदों में भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। प्रेम व वैवाहिक जीवन में भी कुछ मुश्किलों की संभावना नजर आती है। लेकिन सबसे ज़रूर और महत्वपूर्ण है, आपका स्वास्थ्य क्योंकि शुक्र का मीन गोचर आपके स्वास्थ्य पर कई प्रकार से प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है। इसलिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और अपने खाने-पीने की आदतों में सुधार लाने की कोशिश करें।

शुक्र गोचर का वृश्चिक राशि पर प्रभाव

चंद्र राशि वृश्चिक कुंडली के पांचवें भाव में गोचर हो रहे शुक्र, कुंडली के बारहवें और सातवें भाव के स्वामी भी है। कुंडली का पांचवां भाव संतान व विद्या भाव के नाम से जाना जाता है, इसका संबंध संतान के व्यवहार, जन्म और सुख से होता है साथ ही यह भाव मंत्र-तंत्र, ज्ञान, गूढ़ ज्ञान, उपासना, सट्टा, जुआ, लाॅटरी, आध्यात्मिक ज्ञान, गर्भावस्था, स्मरण शक्ति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंध रखता है।

शुक्र के मीन गोचर का वृश्चिक राशि जातकों पर बेहद ही लाभकारी और शुभ प्रभाव देखने को मिलेंगे। शुक्र के मीन गोचर के दौरान आपकी रचनात्मकता अधिक साफगोयी से उभरकर सामने आयेगी। इस समयावधि में आपकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर होने वाली है। हालांकि इस दौरान आपके भाग्य में कुछ लंबी यात्राएं लिखी है, लेकिन इन यात्राओं से आपको व्यापार विस्तार में मदद मिलने के साथ ही आर्थिक लाभ भी होने वाले हैं। आर्थिक स्थिति में सुधार का लाभ आप अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में करेंगे और अपने लिए कुछ विलासी साधन ख़रीद सकते है। इस दौरान आपको अपने प्रेम-संबंधों में निरंतरता नजर आयेगी, और आपका रिश्ता अधिक भावनात्मक होने के साथ ही एक नए स्तर पर पहुँच जायेगा। विवाहित वृषभ जातक भी अपने दांपत्य जीवन में सुख और आनंद प्राप्त करेंगे। इस दौरान आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और आपको अपने बच्चों की ओर से कोई खुशख़बरी मिल सकती है।

शुक्र गोचर का धनु राशि पर प्रभाव

चंद्र राशि धनु कुंडली के छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी शुक्र है, और कुंडली के चौथे भाव में शुक्र का मीन राशि में गोचर हो रहा है। कुंडली का चौथा भाव सुख स्थान होकर सुख, बुद्धिमत्ता, मकान, वाहन, ज़मीन, मिलकियत, तृष्णा, लालसा, महत्वाकांक्षा और अचल संपत्ति से संबंध रखता है। कुंडली का छठा भाव शत्रु भाव और ग्यारहवां भाव लाभ स्थान के नाम से जाना जाता है और इनसे संबंधित क्षेत्रों से संबंध रखते है।

जल तत्व राशि मीन में शुक्र का गोचर धनु राशि जातकों को कई तरह के लाभ देने वाला है। इस दौरान धनु जन्म कुंडली जातकों को व्यापार और करियर दोनों ही क्षेत्रों में लाभ और उन्नति देखने को मिलेंगी। व्यापार से आर्थिक लाभ मिलेगा और करियर में नई उचांईयों का छूने का कार्य करेंगे। इस दौरान आप अपने परिवार के साथ अच्छा और यादगार समय बिताने वाले है। इस दौरान आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा और अधिक मान सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। नौकरी में पदोन्नति या वेतन वृद्धि की संभावना नजर आती है। व्यापार-व्यवसाय से संबंधित यात्राओं में सफलता मिलेगी और स्वास्थ्य भी अनुकूल बना रहेगा।

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शुक्र गोचर का मकर राशि पर प्रभाव

वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र का जल तत्व राशि मीन में गोचर हो रहा है। शुक्र इस दौरान चंद्र राशि मकर कुंडली के पांचवें और दसवें भाव के स्वामी होकर कुंडली के तीसरे भाव में गोचर कर रहे है। कुंडली का तीसरा स्थान पराक्रम स्थान होकर, पराक्रम, साहस, दोस्त, लघु प्रवास, संगीत, महत्वपूर्ण फेरबदल, दलाली और शौर्य जैसे क्षेत्रों से संबंध रखता है।

मकर राशि जातकों के लिए शुक्र का मीन गोचर फायदेमंद और लाभकारी ही होने वाला है। इस दौरान मकर जातकों को अपने करियर में इसके सकारात्मक लाभ देखने को मिलेंगे। इस समयावधि में आप पदोन्नति और वेतन वृद्धि के गवाह बनेंगे। करियर में मिली सफलता आपको आत्मविश्वास और उत्साह से भरने का काम करेगी। इस दौरान आप अपना काम अधिक सावधानी और सफाई से करने वाले है, जिससे और अधिक लाभ मिलता दिखाई दे रहा है। इस दौरान आपको अपने जीवन साथी के माध्यम से भी लाभ प्राप्त होगा या उन्हे उनके जीवन में कोई बड़ी सफलता मिल सकती है। इस दौरान आपका वैवाहिक जीवन भी सुखमयी और प्रेम स्नेह से भरा रहेगा और आप जीवन के आनंद उठाएंगे।

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शुक्र गोचर का कुंभ राशि पर प्रभाव

चंद्र राशि कुंभ कुंडली के चौथे और नौवें भाव के स्वामी शुक्र है और उनका कुंडली के दूसरे भाव में जल तत्व की राशि मीन में गोचर हो रहा है। यह गोचर कुंभ राशि जातकों के लिए लाभ और उन्नति लेकर आएंगे। शुक्र कुंडली के दूसरे भाव में गोचर कर रहे है, कुंडली का दूसरा भाव धन/कुटुंब स्थान के नाम से जाना जाता है और इसका संबंध व्यक्ति के धन, चल-अचल संपत्ति, कुंठा, वाणी, धन का संग्रह, लत, सोना, मणि, रत्न और लाभ-हानि से होता है।

शुक्र का मीन गोचर कुंभ राशि जातकों के जीवन में लाभ और ख़ुशियाँ लेकर आने वाला है। करियर और व्यापार में आपको उन्नति देखने को मिलेगी। शुक्र की स्थिति से नौकरीपेशा और पेशेवर दोनों ही कुंभ जातकों को लाभ होने की संभावना है। इस दौरान व्यापार से भी अच्छा आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है। व्यापारी वर्ग के जातक इस दौरान कुछ अच्छे और लाभकारी व्यापारिक सौदे कर सकते है। शुक्र का कुंभ गोचर आपको संगीत और मनोरंजन के प्रति आकर्षित करने का काम करेगा। इस दौरान आप कुछ नए वस्त्र खरीदेंगे और स्वादिष्ट भोजन के प्रति आकर्षित रहेंगे।

शुक्र गोचर का मीन राशि पर प्रभाव

वृषभ और तुला के स्वामी शुक्र चंद्र राशि मीन कुंडली के तीसरे और आठवें भाव के स्वामी है और उनका गोचर कुंडली के प्रथम भाव में होने वाला है। वैदिक ज्योतिष में कुंडली के प्रथम भाव को बेहद महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, और हम इसे लग्न भाव के नाम से जानते है। प्रथम भाव या लग्न स्थान का संबंध व्यक्ति के शरीर, बनावट, चरित्र, महत्वकांशा, संरचना, स्वप्रयत्न, स्वरूप, मनोवृत्ति, मस्तक, संतोष, बल, कीर्ति और मनोबल से होता है।

मीन में शुक्र गोचर मीन राशि जातकों के लिए लाभकारी और सकारात्मक बदलाव लेकर आने वाला है। जल तत्व राशि मीन में शुक्र का गोचर मीन राशि जातकों को सामाजिक तौर पर सक्रीय करने के साथ ही समाज में आपके संबंधों को बढ़ाने वाला है। इस दौरान आपके रिश्तों में संतुलन, समन्वय के साथ ख़ुशियाँ बनी रहेंगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा और बेहतर स्वास्थ्य सकारात्मक सोच और इस दौरान मिलने वाली ख़ुशियों का प्रतिफल है। करियर में सफलता मिलने की पूरी संभावना है। इस दौरान आपके द्वारा किए गए प्रयासों से आप अधिक लाभ के साथ सफलता प्राप्त करने वाले है। व्यापारी वर्ग को भी व्यापार में वृद्धि के साथ ही आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है। इस दौरान आप व्यापार-व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को खरीदने में कुछ खर्चा करने वाले है।

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गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम