[कृपया ध्यान देंः ये भविष्यवाणियां चंद्र राशि को ध्यान में रखकर की गई हैं। लेकिन, इसका कुछ प्रभाव लग्न राशि वालों पर भी लागू होंगे।
गुरू बृहस्पति की वक्री होने की तारीखः
शुरूआत: 6 फरवरी, 2017समाप्ति: 9 जून, 2017
कन्या राशि में गुरू का वक्री होना: अपने प्रयासों और फॉर्च्यून की ओर फिर से एक नजर डालने का समय 6 फरवरी 2017 से 9जून 2017 के दौरान गुरू कन्या राशि में वक्री होने रहेगा। ज्ञान, उदारता और दयालुता का शासक देव गुरू अपनी वक्री अवधि के दौरान आपके जीवन में मिलेजुले परिणाम लेकर हाजिर होगा। वक्री गुरू का प्रभाव आपके जीवन के विभिन्न मोर्चों जैसे कि शिक्षा, वित्त, दर्शन और अध्यात्म में प्रतिकूल प्रभाव पैदा कर सकता है। आपके भाग्य में अवरोध रहेंगे और रोजमर्रा के जीवन में आपका इनट्यूशन उतना अधिक कारगर नहीं होगा। आपको अपने खर्च पर नियंत्रण रखना होगा। ये तो रहे कुछ सामान्य संकेत, चलो पता करते हैं कि गणेशजी 12 राशियों के विषय में इसके प्रभाव की क्या भविष्यवाणी कर रहे हैं।
मेष राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू छठवें भाव में गणेशजी को लगता है कि शारीरिक और मानसिक रूप से आपके अंदर काफी बदलाव होने की यह अवधि रहेगी। आप अब अपने आपको सपनों के करीब खड़ा पा सकते हैं। कार्यस्थल पर आपकी इच्छाशक्ति और संकल्प का इम्तिहान लिया जाएगा, इसलिए आपके एेसे समय आपको अपना ध्यान काफी केंद्रित करके रखना होगा। इस प्रकार से साल 2017 में गुरू का वक्री होना मेष राशि के जातकों के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरा रहेगा। आपको महसूस होगा कि चीजें आपके नियंत्रण के बाहर जा रही हैं। रूटीन लाइफ में भी आप तल्लीन रहेंगे। इस चरण के दौरान स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत होगी। बिमारी से बचने के लिए आपको अपनी खानपान की आदतों को कंट्रोल में रखना होगा और अपनी सेहत को बिगड़ने से बचाने के लिए अपने डाइट प्लान के अनुसार ही चलना हितकारी रहेगा।
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वृषभ राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू पांचवें भाव में आप इस अवधि में अतीत के तनावपूर्ण संबंधों जैसे कि दोस्तों और परिवार के साथ अपने संबंधों को मधुर बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे। भावनाओं में बह जाने की अपेक्षा समझदारी से काम लेंगे। यदि आप अपने करियर को लेकर असंतुष्ट हैं तो आपको इस दौरान और अधिक मेहनत करने की जरूरत होगी। लक्ष्य प्राप्त के लिए वास्तविकता से मुंह मत मोड़ें। गणेशजी को लगता है कि रिलेशनशिप में आपको धैर्य से काम लेना होगा, क्यों कि वक्री गुरू आपके पार्टनर के साथ आपके बॉन्ड को भी कसौटी पर रख सकता है।
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मिथुन राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू चौथे भाव में यदि आपकी अपने प्रियजनों के साथ पहले से कोई अनबन चल रही है तो इस दौरान आप अपने मतभेदों को मिटाने की चेष्टा करेंगे। 2017 के दौरान गुरू के वक्री रहते हुए अपने लक्ष्य के करीब पहुंचने के लिए पर्याप्त समर्थन मिलेगा। टारगेट को भेदने के लिए आप जी-जान लगा देंगे। यही वह समय होगा जब आप अपने आपको अपडेट करने के लिए आगे की शिक्षा का प्लान बनाकर अपने करियर में वैल्यू एडीशन करना चाहेंगे। दूसरों से आपके बहुत ज्यादा उम्मीदें रखने से लोग आपसे दूर हो सकते हैं। इसलिए, गणेशजी का विचार है कि आपके पास जो भी है उससे संतुष्ट रहें और दूसरों से बहुत अाशा मत लगाएं।
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कर्क राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल- वक्री गुरू तीसरे भाव में ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2017 में गुरू का वक्री रहना आपके लिए फेवरेबल लगता है। ट्रैवल प्लान्स होने के संभावना है। आप नये-नये स्थानों का पता लगाने और नई-नई बातों को जानने हेतु इच्छुक रहेंगे। काम पर अपनी काबिलीयत को सिद्ध करने के लिए आपको एक्स्ट्रा एफ्फोर्ट्स लगाने होंगे। हालांकि, आगे का यह रास्ता आपके लिए उतना आसान नहीं लग रहा। यदि आप समय के अनुसार अपने आपको बदल लें तो चीजें आपके हक में हो जाएंगी। वक्री गुरू का फल आपको और ज्यादा फिलोसोफिकल बातें करने वाला बनाएगा। हेल्थ बढ़िया लगती है। फिटनेस को बनाये रखने के लिए अपनी लाइफ में डेली स्पोर्ट्स एक्टिविटी को शामिल करना एक अच्छा विचार है।
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सिंह राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू दूसरे भाव में गुरू ग्रह का इस वर्ष वक्री रहना अपने विचारों को दूसरे के साथ आदान-प्रदान करते समय केयरफुल रहने की लाल झंडी दिखा रहा है। यदि आप अपनी भावनाओं या विचारों को भलीभांति नहीं रख पाए, तो आपकी बातों का गलत मतलब निकाल लिये जाने से लोगों के साथ आपकी हुई बातें व्यर्थ का तूल पकड़ सकती हैं। कन्या राशि में वृहस्पति के वक्री रहने के दौरान आपके फाइनेंस में अनएक्सपेक्टेड बदलाव आ सकते हैं। इसलिए, चीजों की तैयारी पहले से करके रखें। अपने आपको कम मत आंके और अपने लिखने व बोलने की कला को आगे बढ़ाएं। आप अपनी विजडम-विवेक, नॉलेज-ज्ञान और आइडियाज-विचारों को अपने आसपास के लोगों के साथ साझा डिसकस करेंगे। गणेशजी की सलाह है कि आप अपनी ईटिंग हैबिट्स को अॉर्गनाइज करने की कोशिश करें। इससे आप होने वाले हेल्थ इश्यूज से बच सकेंगे। सुझाए गये प्रोडक्टः धन-संपत्ति से जुडा एक प्रश्न पूछें
कन्या राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू पहले भाव में साल 2017 में गुरू के वक्री रहने की अवधि में आपको अपना फोकस अपने आपको डेवलप करने में रखना होगा। आप इस अवधि में दूसरों के प्रति अधिक उदार और दयालु रहेंगे। मूल रूप से आपकी विचारधारा समाज में अपना योगदान करने की ओर रहेगी। आपकी पर्सनालिटी का यह पहलू आपके आसपास के लोगों को इम्प्रेस किये बगैर नहीं रहेगा। इस आपाधापी से भरी जिंदगी में अपने आपको डुबो दिने की जगह आपके लिए अच्छा यही रहेगा कि आप इन बंधनों को तोड़ डाले और अपनी जीवन नौका को लाइफ के रियल पर्पस यानि सच्चे मकसद की ओर ले जाएं। हेल्थ का मोर्चा इस लिहाज से बेहतर लग रहा है। गणेशजी की भविष्यवाणी है कि साल 2017 में गुरू का रेट्रोग्रेड होना मेडिटेशन के लिए एक्सीलेंट टाइम है। इस आने वाले महीनों में आपके जीवन और अधिक शांति रहेगी।
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तुला राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू बारहवें भाव में आपके अंदर आत्मविश्वास की कुछ कमी रहने के कारण आप संकोची महसूस करेंगे। हर बात की सफाई देनी की आपकी आदत रहेगी। चूंकि यह वक्री पारगमन आपकी कुंडली के बारहवें भाव में होने जा रहा है इस वजह से आपके फॉरेन ट्रेवल में किसी प्रकार की प्रोब्लेम्स आने की आशंका है। अनप्लान्ड एक्सपेंसेस के लिए मानसिक तौर पर तैयार रहें, क्योंकि इस दौरान खर्चे होने की आशंका है। जीवन में निरंतर हो रहे परिवर्तनों की वजह से आप मानसिक रूप से अस्थिर महसूस कर सकते हैं।
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वृश्चिक राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू ग्यारहवें भाव में साल 2017 में गुरू के वक्री रहने से आपका भाग्य आपको देख कर मंद-मंद मुस्करा रहा होगा। लाइफ में एक ऊँची उड़ान भरने की आकांक्षा होगी और यह गुरू आपके सपने को पूरा करने में अपनी पूरी मदद करेगा। यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरू की शुभ स्थिति है तो गुरू का वक्री होना आपके हक में जा सकता है। आपके रिलेशनशिप में कोई अप्रत्याशित मोड़ आने से आप कुछ अलग ही अनुभव करेंगे। इस अवधि के दौरान वक्री गुरू के प्रताप से आपकी आमदनी में विलंब के हालात पैदा होंगे। लेकिन, मित्रों गणेशजी का आश्वासन है कि आखिरकार आपको फाइनेंस के कामों में सफलता मिलेगी। आपका हक आपको मिलेगा।
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धनु राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू दसवें भाव में पर्सनल और करियर के मोर्चे की ओर गंभीरता से ध्यान देंगे। आपका ध्यान कुछ ऐसी स्किल्स को सीखने की ओर भी जाएगा जिससे आप आपने वर्क फील्ड में प्रगति का रास्ता खोल सकें। सच तो यह है कि यदि वाकई में आपको अपनी वर्क लाइफ में प्रोग्रेस करनी है तो अपने काम में, अपने वर्क की ओर दिल लगाकर काम करना होगा। पर्सनल लाइफ में कुछ बाधाएं या अनजानी परेशानियां रहने से इस समय जीवन अस्त-व्यस्त रहेगा। इसका बुरा असर आपकी सेहत पर भी पड़ने की आशंका है। यहां गणेशजी का परामर्श है कि चीजों को लेकर बहुत अधिक परेशान मत हों। हालात के ऊपर अपना कोई बस नहीं चलने से आपके लिए अच्छा यही होगा कि शांत रहकर चुपचाप अच्छे दिनों का इंतजार करें।
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मकर राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू नौवें भाव में हालांकि इस वर्ष गुरू के वक्री रहने से चीजें बहुत हद तक उम्मीद के मुताबिक होती नजर आएंगी, पर एेसा अंत तक नहीं होगा। गुरू के वक्री भ्रमण का अंत होते-होते चीजों में बहुत हद तक बदलाव आ गया होगा। वास्तव में आपकी इस अवधि के दौरान बहुत अधिक यात्राएं हो सकती हैं। काम के सिलसले में हो रही लगातार यात्राओं से आपका शरीर आपका साथ छोड़ सकता है। वक्री गुरू की यह अवधि दर्शाती है कि आपको किसी प्रकार का घाटा होने की आशंका है। बिन सोचे-समझे आप पानी की तरह पैसे लुटा सकते हैं। यहां गणेशजी की आपके लिए सलाह है कि जरा समझदार हो जाएं और खर्चों पर लगाम लगाएं।
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कुंभ राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू आठवें भाव में वक्री गुरू (jupiter retrograde) के गुजरने को आपके लिए एक शानदार अवधि नहीं कहीं जा सकती। परिवार के सदस्यों के साथ किसी प्रकार की कहासुनी होने की आशंका बनती है। मित्रों के साथ भी संबंध खराब हो सकते हैं। वक्री गुरू पूरी तरह से आपको हताश करते हुए आपका खुद पर से विश्वास घटा सकता है। बार-बार कोशिशें किए जाने पर भी आपको मनचाही सफलता नहीं मिल पाएगी। इस अवधि के चलने तक आपकी भलाई इसी में है कि आप वर्क फ्रंट में किसी प्रकार का इनीशिएटिव मत उठाएं। गणेशजी की राय यह है कि डरने की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है। आप केवल अपने काम पर फोकस करें।
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मीन राशि के लिए गुरू का कन्या राशि में वक्री होने का फल– वक्री गुरू सातवें भाव में इस दौरान आपको कभी-कभी एेसा फील होगा कि जिंदगी आपके साथ जैसे कोई खेल खेल रही है। चीजें आपको साफ-साफ नजर नहीं आएंगी। निराशा के कारण आपका रवैय कुछ दार्शनिकों वाला हो जाएगा। लोगों को विकास की नसीहतें देते नजर आएंगे। साल 2017 में गुरू की वक्री चाल से आप अपने अंदर एक अनोखे प्रकार की आध्यात्मिक विकास होता हुआ देखेंगे। गणेशजी का विचार है कि प्रोफेशनल मोर्चे पर लोगों के साथ आपकी पटरी नहीं खाने से कुछ विवाद भी उपजने की संभावना लग रही है।
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गणेशजी के आशीर्वाद सहित
भावेश एन पट्टनी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम