भविष्यवाणियों राहु गोचर 2020 का अन्य 12 राशियों पर प्रभाव – राहु का वृषभ में गोचर

राहु गोचर 2020 का अन्य 12 राशियों पर प्रभाव – राहु का वृषभ में गोचर

राहु गोचर 2020 का अन्य 12 राशियों पर प्रभाव – राहु का वृषभ में गोचर

राहु गोचर 2020 तारीख

एक राशि में 18 महीने भ्रमण करने वाले राहु 23 सितंबर 2020 बुधवार के दिन राशि परिवर्तन कर मिथुन से वृषभ राशि में गोचर करने वाले हैं।

वैदिक ज्योतिष में राहु-केतु को दूषित ग्रहों की संज्ञा प्राप्त है और वे अन्य ग्रहों के समान ही राशिचक्र में भ्रमण करते हैं। राहु और केतु दोनों अन्य ग्रहों से विपरीत दिशा में गोचर करते हैं। एक राशि में 18 महीने भ्रमण करने वाले राहु 23 सितंबर 2020 बुधवार के दिन राशि परिवर्तन कर मिथुन से वृषभ राशि में गोचर करने वाले हैं। राहु का राशि परिवर्तन 2020 अलग-अलग चंद्र राशि के जातकों पर क्या प्रभाव डालेगा। राहु वृषभ गोचर 2020 के प्रभाव और बचाव के उपाय-

राहु गोचर 2020 का मेष राशि पर प्रभाव

मेष जातकों के लिए राहु का गोचर कुंडली के दूसरे भाव में होने जा रहा है, कुंडली के दूसरे भाव का संबंध धन और कुंटुंब से होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार दूसरे भाव में राहु का परिणाम शुभ नहीं रहता है। राहु के राशि परिवर्तन के कारण आपकी वाणी में कठोरता आने की संभावना है, जिससे परिवार और प्रियजनों के साथ वाद-विवाद की स्थिति पैदा होगी। इस दौरान व्यवसायी और नौकरीपेशा लोगों को आर्थिक नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। शत्रुओं के हावी होने की संभावना है, नौकरीपेशा लोग कार्यस्थल पर तनाव महसूस कर सकते हैं। हालांकि राहु से बचाव के लिए राहु के मंत्रों के जाप से और भगवान शिव की पूजा से राहु के दुष्प्रभाव कम किए जा सकते हैं।

राहु गोचर 2020 का वृषभ राशि पर प्रभाव

मिथुन में मौजूद राहु का वृषभ में ही गोचर होने वाला है, इसलिए 2020 राहु गोचर वृषभ जातकों को अधिक प्रभावित करने वाला है। वृषभ के लिए यह गोचर कुंडली के प्रथम भाव में होने वाला है। कुंडली का प्रथम भाव लग्न स्थान के नाम से जाना जाता है, इसका संबंध शरीर, चरित्र और कीर्ति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से होता है। राहु का वृषभ गोचर 2020 वृषभ जातकों के लिए औसत साबित होगा, वे अपने काम को अधिक चतुराई के साथ पूरा कर पाएंगे। कार्यक्षेत्र में आपकी बुद्धि तीक्ष्ण होगी, लेकिन आप लोगों को समझने में भूल कर सकते हैं। इस दौरान आपका भाग्य आपका पूरा साथ देगा, आपकी संतान को भी इसका लाभ मिलेगा। हालांकि आपको अपनी वाणी पर संयम बरतने की सलाह है। राहु के शुभ परिणामों के लिए हनुमानजी की उपासना करें।

राहु गोचर 2020 का मिथुन राशि पर प्रभाव

मिथुन जातकों के लिए राहु गोचर कुंडली के बारहवें भाव में होने वाला है। बारहवां भाव व्यय स्थान के नाम से जाना जाता है। बारहवें भाव में राहु प्रतिकूल प्रभाव देता है, इस दौरान आपको नौकरी में ट्रांसफर या अन्य मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान पुराने रोग से पुनः उभरने की संभावना है। अकस्मिक खर्च और व्यय बढ़ने से आर्थिक मुश्किलें पैदा होंगी। परिवार और परिजनों से दूर जाना पड़ सकता है। इस दौरान अपनी और अपने परिजनों की सेहत का विशेष ध्यान रखें। हालांकि विदेश के व्यापार से जुड़े जातकों के लिए यह अच्छा समय भी कहा जा सकता है। राहु के शुभ परिणामों के लिए भगवान गणेश को दुर्वा अर्पण करें।

राहु गोचर 2020 का कर्क पर प्रभाव

कर्क जातकों के लिए राहु गोचर 2020 कुंडली के ग्यारहवें भाव में होने वाला है, ग्यारहवां भाव लाभ स्थान के नाम से जाना जाता है। कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु का गोचर सदैव शुभ माना जाता है। इस दौरान आपकी आय में वृद्धि होगी, आय के नए स्रोत मिलने की संभावना है। राहु आपके जोश और पराक्रम में वृद्धि करेंगे, जिससे आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी। इस दौरान आपके मन की हर इच्छा पूरी होगी। राहु के शुभ परिणाम के लिए दुर्वा घास में रोजाना पानी दें।

राहु गोचर 2020 का सिंह राशि पर प्रभाव

सिंह जातकों के लिए राहु गोचर कुंडली के दसवें भाव में होने वाला है, कुंडली का दसवा भाव कर्म स्थान के नाम से जाना जाता है। कुंडली के दसवें भाव में राहु शुभ परिणाम देते हैं। राहु का वृषभ गोचर 2020 सिंह जातकों को नौकरी में पदोन्नति दे सकता है, अधिकारी और वरिष्ठ सहकर्मियों से आपको सहयोग मिलेगा। आर्थिक लाभ और मान सम्मान में बढ़ोतरी होगी। हालांकि आपको अपने परिवार और वैवाहिक जीवन में संयम बरतना होगा, अपनी वाणी पर काबू रखें और किसी के लिए कटू या कठोर शब्दों का उपयोग न करें। राहु के शुभ परिणामों के लिए गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है। साथ ही राहु संबंधी दान भी दिए जा सकते हैं।

राहु गोचर 2020 का कन्या राशि पर प्रभाव

राहु गोचर 2020 कन्या राशि जातकों के लिए औसत रहने वाला है। कन्या राशि के नौवें भाव में राहु का गोचर हो रहा है, सामान्यतः नौवे भाव में राहु प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इस दौरान आपको कार्यक्षत्र से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, और आपके बनते काम बिगड़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त लगभग हर क्षेत्र में राहु अनुकूल या औसत परिणाम देंगे। राजनीति से संबंध रखने वाले लोगों को लाभ होगा, धन, यश और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी। इस दौरान आप जोखिम उठाने में नहीं डरेंगे, भवन और वाहन सुख मिल सकता है। राहु का वृषभ गोचर कन्या जातकों को आध्यात्म की ओर भी आकर्षित करेगा। राहु के शुभ परिणाम के लिए भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र का जाप करें।

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राहु गोचर 2020 का तुला राशि पर प्रभाव

राहु का वृषभ गोचर 2020 तुला राशि जातकों के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्माण करेगा। तुला राशि के लिए यह गोचर कुंडली के आठवें भाव में हो रहा है, आठवां भाव आयुष्य या मृत्यु भाव के नाम से जाना जाता है। राहु आठवें भाव में हमेशा राहु नई परेशानियां खड़ी करता है। राहु के वृषभ गोचर के दौरान तुला जातकों कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। यदि आप शराब या मांसाहार करते हैं तो आपको और भी कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। आप अपनी वाणी की सौम्यता खो सकते है, जिससे घर, परिवार, प्रेम, मित्र और सहकर्मियों से रिश्ते खराब हो सकते है। यह दौर आर्थिक स्थिति के हिसाब से प्रतिकूल रहने वाला है। इस दौरान आपका भाग्य की जगह मेहनत पर विश्वास करना चाहिए। राहु के शुभ परिणामों के लिए दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप करें।

राहु गोचर 2020 का वृश्चिक राशि पर प्रभाव

वृश्चिक जातकों के लिए राहु का वृषभ गोचर औसत दिखाई देता है। वृश्चिक राशि के अनुसार राहु का गोचर कुंडली के सातवें भाव में होने वाला है। कुंडली का सातवां भाव विवाह और साझेदारियों से संबंध रखता है, और राहु सातवें भाव में अच्छे परिणाम नहीं देते हैं। 2020 राहु का वृषभ गोचर वृश्चिक जातकों के लिए मिले-जुले परिणाम निष्पादित करेगा। इस दौरान नौकरीपेशा और व्यावसायी वर्ग को सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। वैवाहिक जीवन में तनाव की स्थिति पैदा होगी। साझेदारी के कार्यों में सावधानी बरतें, अपने स्वस्थ्य के प्रति सचेत रहें। इस दौरान आपको धैर्य और शांत रहने का प्रयास करना चहिए। भगवान भैरव के रोजाना दर्शन से राहु के शुभफलों की प्राप्ति होगी।

राहु गोचर 2020 का धनु राशि पर प्रभाव

राहु का वृषभ गोचर 2020 धनु जातकों के लिए कुंडली के छठे भाव में होने वाला है। छठा भाव पीड़ा व शत्रु स्थान के नाम से जाना जाता है। छठे भाव में की मौजूदगी अनुकूल परिणाम देने की संभावनों में वृद्धि के संकेत देती है। राहु का वृषभ गोचर धनु को शत्रुओं पर विजय पाने की शक्ति देगा। हालांकि आपको अपने कार्य स्थल पर अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है, इस दौरान आप किसी षड्यंत्र का शिकार हो सकते हैं। प्रेम और वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ेगा, क्रोध और उग्रता बढ़ेगी, लेकिन परिश्रम के उचित परिणाम भी मिलेंगे। अपने करीबी और खास लोगों से सावधान रहें। इस दौरान धैर्य और संयम आपकी सबसे बड़ी पूंजी होंगे। कालभैरव अष्टक का पाठ करने से राहु के शुभ परिणामों में वृद्धि होगी।

राहु गोचर 2020 का मकर राशि पर प्रभाव

राहु का वृषभ गोचर मकर जातकों के लिए कुंडली के पांचवें भाव में होने वाला है, पांचवें भाव का संबंध प्रेम और संतान से होता है। राहु का वृषभ गोचर मकर जातकों के लिए मिलेजुले परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान आपको संतान और उससे जुड़े क्षेत्रों में सफलता मिलेगी। वैवाहिक जीवन में तनाव कम करने के लिए भी समय उचित होगा। हालांकि प्रेम संबंधों में कुछ मनमुटाव या अनबन की स्थिति उत्पन्न होगी। कार्य क्षेत्र में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, शत्रुओं के हावी होने की संभावना है। आर्थिक तौर पर मुश्किलें बढ़ेंगी और कर्ज में वृद्धि होगी। राहु के शुभ परिणामों को प्राप्त करने के लिए राहु से संबंधित दान जैसे मूली, दो रंग का कंबल, नीले वस्त्र किसी गरीब और जरूरतमंद को दान करना चाहिए।

राहु गोचर 2020 का कुंभ राशि पर प्रभाव

कुंभ जातकों के लिए राहु का गोचर कुंडली के चौथे भाव में होने वाला है, चौथे भाव का संबंध सुख, माता और भूमि, संपत्ति से होता है। चौथे भाव में राहु अच्छे परिणाम नहीं देता, इस दौरान आपको मानसिक तनाव महसूस होगा। माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहेंगे, सरकारी या कानूनी दाव-पेंच में उलझने की संभावना है। जमीन और संपत्ति से जुड़े कार्यों में हानि की संभावना है, संतान से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान वाणी में मिठास आपको कई मुसीबतों से बचाने की क्षमता रखती है। राहु के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए हनुमानजी के मंत्रों का जाप करें और उनके रोजाना दर्शन करें।

राहु गोचर 2020 का मीन राशि पर प्रभाव

राहु गोचर 2020 मीन राशि जातकों के लिए औसत से उच्च रह सकता है। मीन के लिए राहु का गोचर कुंडली के तीसरे भाव में होने जा रहा है, तीसरा भाव पराक्रम या भातृ स्थान के नाम से जाना जाता है। इस दौरान आपकी कार्य कुशलता में इजाफा होने की संभावना है, आप स्पष्ट और बेहतर ढंग से निर्णय लेने में सक्षम होंगे। हालांकि परिवार और प्रियजनों से रिश्ते खराब होने की संभावना है, माता की सेहत को लेकर भी चिंतित रहेंगे। भूमि, भवन, वाहन सहित सभी भौतिक सुखों में वृद्धि होने के बावजूद परेशानियां बढ़ेंगी। मानसिक शांति के लिए ध्यान या आध्यात्म आपकी बेहतर सहायता कर सकते हैं। राहु के शुभ फल प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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