भविष्यवाणियों 2017 में शनि का गोचर : जानें 12 राशियों पर इसका प्रभाव

2017 में शनि का गोचर : जानें 12 राशियों पर इसका प्रभाव

2017 में शनि का गोचर : जानें 12 राशियों पर इसका प्रभाव

हमारे जीवन की दिशा को ही बदल कर रख देने वाली एक सबसे प्रमुख खगोलीय घटना शीघ्र ही आने को है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह घटना काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। 26 जनवरी, 2017 को शनि का प्रवेश धनु राशि में होने जा रहा है। राशिचक्र की यह राशि विशाल व उदार बृहस्पति द्वारा संचालित की जाती है।

देखा जाये तो शनि की यह यात्रा एक बार में पूरी नहीं होगी और वर्ष 2017 के मध्य तक यानीकि 21जून, 2016तक यह राशि से निकल जाएगा। 26अक्टूबर, 2017 तक यह वृश्चिक राशि में रहेगा। धनु राशि में औपचारिक रूप से 2.5 साल व्यतीत कर लेने के बाद यह 24 जनवरी, 2020 को मकर राशि में प्रवेश करेगा।

क्या आप ये जानकर हैरान है कि शनि के इस गोचर का आपसे क्या नाता है?
गणेशजी का कहना है कि धनु राशि उच्च शिक्षा और आशावादिता की राशि है। शनि का इस राशि में मौजूद होना आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में मदद करेगा। शनि के नियंत्रणकारी प्रभाव और निश्चिंत व प्रसन्नचित्त धन राशि के दिलचस्प संयोजन से हमारे अंदर एक अनुपम बदलाव आएगा। इस परिवर्तन के फलस्वरूप हम ‘व्यावहारिक रूप से आशावादी’ बनेंगे।

क्या आप यह गहराई से यह जानना चाहते हैं कि धनु राशि में शनि की यह यात्रा आपके लिए क्या फल लेकर आने वाली है? क्या आपके जीवन में कोई बड़ा बदलाव होगा या फिर किसी प्रकार की बाधाओं से आपका साबका पड़ने वाला है? हमारी विशेष शनि पारगमन रिपोर्ट द्वारा इस विषय में एक विस्तृत तस्वीर पाएं।

धनु राशि में शनि का होना यह बताता है कि आशावादिता अच्छी है। पर, बहुत अधिक आशावान होना भी किसी मूर्खता से कम नहीं होता।

शनि का धनु राशि में आगमन कैसे असर दिखाएगा?
शनि एक सख्त अनुशासनकर्ता माना जाता है। जातक के लिए शनि एक एेसे शिक्षक के रूप में कार्य करता है जो उसे जीवन के अच्छे व बुरे दोनों ही अनुभव सिखाता है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि शनि से बेहतर कोई शिक्षक हो ही नहीं सकता। दूसरी ओर, काल पुरूष की कुंडली के अनुसार धनु राशि चक्र की नौवीं राशि और नौवें भाव से संबंधित है। कुंडली में इसे पिता, शिक्षक और गुरू का घर माना जाता है। इस प्रकार से इस अवधि के दौरान आप अपने भीतर छिपे ‘शिक्षक’ से मजबूती से जुड़े रहेंगे।

इस राशि में शनि महाराज का उपस्थित होना हमें हमारे धर्म, दर्शन, सांसारिक मामलों और वैश्विक रूझानों के बारे में जागरूक कराता है। यह हमारे भीतर से नकारात्मक तत्वों को बाहर खदेड़ कर, हमें उच्च ज्ञान का बोध कराते हुए अपनी आधारशिला मजबूत करने में प्रोत्साहन प्रदान करता है। इसके अलावा, इस अवधि के दौरान अपनी किस्मत के भरोसे बैठे रहने के बजाय हम अपने स्वः प्रयासों से आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे।

शनि के गोचर का मानव जाति पर प्रभाव?
शनि का यह गोचर मूल रूप से बड़े पैमाने पर पूरी दुनिया में रह रहे लोगों पर अपना असर दिखाएगा। इस प्रभाव के तहत विभिन्न देशों के राजनीतिक हलकों, उच्च शिक्षा से जुड़े विभिन्न संस्थान, धर्म, धार्मिक स्थल, इमीग्रेशन पॉलिसीस, दो देशों के बीच आंतरिक संबंध इत्यादि पहलुओं के बीच उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल सकते हैं। धनु राशि में शनि प्रवास के दौरान दीर्धकालिक संरचनात्मक परिवर्तन होने की संभावना है।

सभी 12 राशियों पर शनि किस प्रकार से अपना प्रभाव डालेगा? चलिए पता करते हैंः-

मेष
शनि की ढैया के कारण पिछले ढ़ार्इ सालों की अवधि बहुत अच्छी नहीं थी। आपने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया लेकिन आपको इसका प्रतिफल बहुत कम मिला। आपकी सेहत आैर मानसिक शांति प्रभावित हुर्इ थी, लेकिन अब आैर नहीं। शनि का धनु राशि में गोचर आपको कर्इ सारी परेशानियों से मुक्त कर सकता है। चीजें जो लंबित थी अब वो पूरी होने की आेर आगे बढ़ सकती है। पिछले ढ़ार्इ सालों में जिंदगी के जो क्षेत्र गड़बड़ा गए थे, उन्हें अब आप व्यवस्थित कर सकते है। आैर पढ़ें…….

वृषभ
पिछले ढ़ार्इ सालों के दौरान बिजनेस या निजी मोर्चे पर आपको संयुक्त प्रयास आैर रिश्तों के मामलों में मुसीबतों का सामना करना पड़ा। इन मसलों से डील करने के दौरान आप धैर्य विकसित करने में असमर्थ थे आैर इससे चीजें गड़बड़ा जाती थी। हालातों को बेहतर करने के आप वास्तविक प्रयासों के बावजूद, आपकी निजी अौर पेशेवर जिंदगी अत्यधिक तनाव का कारण बनी। गणेशजी को एेसा भी लगता है कि आपकी प्रगति कछुआ चाल सी हुर्इ। कार्यस्थल पर आप काम बोझ तले दबे थे। वैवाहिक जिंदगी में भी आपको कलह का सामना करना पड़ा। आैर पढ़ें…

मिथुन
पिछले ढार्इ सालों में आपने अधिक जिम्मेदारी की भावना के साथ कठिनार्इपूर्वक अपने मामलों को संभाला आैर कड़ी मेहनत की। यहां तक कि आपने अपने स्वास्थ्य की भी परवाह नहीं की। आपका पूरा ध्यान वर्तमान जरूरतों के ऊपर लगा हुआ था और उसके हल के लिए आप प्रयत्नशील थे। गणेशजी मानते हैं कि आपकी कड़ी मेहनत का जो परिणाम आपको प्राप्त हुआ वो शायद बहुत अच्छा नहीं था। दिल-ही-दिल में आपके अंदर इस असंतुष्टि को लेकर क्षोभ था। आैर पढ़ें….

कर्क
पिछले ढ़ार्इ सालों की अवधि भावनात्मक रूप से उतार-चढ़ाव से भरी हो सकती है। आप प्यार के मोर्चे पर भी स्थिरता तलाशने की कोशिश कर रहे थे। आप लंबे समय तक साथ निभाने वाले रिश्ते के अभिलाषी थे आैर संभवतः आपको कोर्इ मिला भी होगा। हालांकि, भावुक होने के कारण, रिश्ते को लेकर आपकी उम्मीदें संभवतः बहुत अधिक थी। आप दिखावटी रिश्तों में विश्वास नहीं रखते। क्यूंकि आप रिश्तों में प्रतिबद्धता के पक्षधर हैं। आप खुद को दी गर्इ प्रतिबद्घता को लेकर गंभीर थे। आपकी रचनात्मकता भावनात्मक उतार-चढ़ाव के कारण प्रभावित हुई। आैर पढ़ें…..

सिंह
पिछले ढार्इ सालों में आपकी जिंदगी में आपके साथ जो कुछ हुआ उसे लेकर आप थोड़े मायूस थे। इस समय घरेलू अशांति, घर परिवर्तन या स्थान परिवर्तन इत्यादि ने आपको काफी अस्थिर महसूस कराया। 2017 के शनि पारगमन से पहले, आप लगातार किसी-ना-किसी चीज को लेकर चिंतित थे। आप में असंतोष की भावना थी। परिजनों को समझने में आपको दिक्कतें आ रही थी। आपने भावनात्मक दबाव का सामना किया। असंतोष चरम पर था। परिजनों की जरूरतों को समझने में आपको दिक्कतें आ रही थी। आैर पढ़ें….

कन्या
पिछले ढार्इ सालों में, कन्या राशि के जातकों ने मिलेजुले परिणाम का अनुभव किया। पड़ोसियों आैर भार्इ-बहिनों के साथ आपके रिश्ते मधुर नहीं थे। पड़ोसियों और भार्इ-बहिनों को मनाना आपके लिए थोड़ा मुश्किल था। गणेश के अनुसार, इस समय ने आपको एक जिम्मेदार और सतर्क व्यक्ति के रूप में गढ़ा। हर परिस्थिति में परेशानियों से डील करने के दौरान आप शांति बनाए रखे हुए थे। दूसरों से उम्मीदें कम थी। जिन मसलों को पहले आप अनदेखा कर देते थे, उनको लेकर आप अधिक गंभीर हो गए। आैर पढ़ें….

तुला
गणेशजी के अनुसार तुला राशि के जातक नवंबर 2014 से बहुत अधिक सांसारिक संपदा इकट्ठा करने में जुटे थे। खैर, जो भी हो आपका पूरा-पूरा ध्यान पैसे कमाने में लगा हुआ था। आपने ये एहसास किया कि पैसा आसानी से आपकी गोद में आकर नहीं गिरेगा, इसलिए आपने मेहनत का रास्ता चुना। परिवार और संबंधित मामलों ने आपका ध्यान आकर्षित किया। आपने चीजों को यथावत बनाए रखने का भरसक प्रयत्न किया। गणेशजी के मुताबिक पिछले ढ़ार्इ सालों में, आपने नए वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने का भी प्रयास कर रहे थे। आैर पढ़ें…..

वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों का जीवन नवंबर 2014से बहुत अच्छे नहीं चल रहा था। निराशाजनक समय था। आपने परिस्थितियों से जितना लड़ने की कोशिश की, परिस्थितियां उतनी ही विकट होती गई। अच्छी बात यह है कि आप अपने सिद्घातों आैर दृष्टिकोण पर अडिग रहे। आप तनाव में थे आैर इससे आपका स्वास्थ्य प्रभावित हुआ। आप कार्यस्थल आैर परिवार में स्थितियों को काबू करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन चीजें आपके नियंत्रण से बाहर थी। आैर पढ़ें…..

धनु
पिछले ढार्इ सालों के दौरान धनु राशि के जातकों ने काफी अच्छी कमार्इ की होगी। संघर्ष आैर चुनौतियाों के बावजूद आप सफल हुए। वित्तीय समस्याएं भी धीरे-धीरे हल होती गई। आप समय और परिवार दोनों के बीच काफी मुश्किलों से सामंजस्य बिठा पाए। इस बीच आपको राह में कर्इ नए अवसर भी मिलते रहे जो उतने लाभदायी नहीं थे। उलझनों से भरी स्थिति थी। नए वातावरण के साथ सामंजस्य बैठाने में भी आपको दिक्कतें आई। गणेशजी मानते हैं कि भरसक कोशिशों के बाद भी आपको आंशिक सफलता हाथ लगी। आैर पढ़ें….

मकर
गणेशजी के अनुसार, पिछले ढार्इ सालों में मकर राशि के जातकों को वित्तीय लाभ प्राप्त करने में देरी का सामना करना पड़ा। आप नर्इ दोस्ती या रिश्ते के साथ आगे बढ़ने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन ये उतना आसान नहीं था। आप भावनाआें आैर तर्को के बीच संतुलन बिठाने की कोशिश कर रहे थे। दूसरों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने से पहले आपको कई बाधाओं पर विजय पानी होगी। आप उन जिम्मेदारियों से घिरे थे जिनमें श्रेय मिलने का कहीं नामोनिशान तक नहीं था। इन्हीं सब वजहों से आप रिश्तों से दूर होते गए। आैर पढ़ें….

कुंभ
कुंभ राशि के जातकों, बीते ढ़ार्इ सालों में आपने अपने पेशे में बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश की। अगर आप नौकरीधारक थे, तो आपने कड़ी मेहनत करने की कोशिश की। वहीं अगर आप बिजनेस से जुड़े थे, तो आपने अधिक से अधिक व्यापार प्राप्त करने के प्रयास किए। हालांकि, ये परेशानी-मुक्त समय नहीं था। आप बेहतर ढंग से सभी चीजों का प्रबंधन नहीं कर सकें क्यूंकि किस्मत ने आपके लिए कुछ और ही तय कर रखा था। सीनियर्स के साथ संबंध सहज नहीं रह पाए। आप अपने माता-पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे। लेकिन अब ये समय लगभग खत्म हुआ। आैर पढ़ें….

मीन
गणेशजी को लगता है कि ढार्इ सालों के तहत मीन राशि के जातकों का भगवान के प्रति विश्वास संभवतः डगमगा गया था। एेसा लगने लगा कि जब आपको सहयोग की जरूरत थी तब भगवान आपके पास नहीं खड़े थे। आप खुश नहीं थे, क्यूंकि आप भावनात्मक रूप से अशांत थे। चल रही प्रगति से आप नाखुश थे। हालांकि, यह पूरी तरह से उतना बुरा समय भी नहीं था। लेकिन, आपने बहुत कुछ दिल पर ले लिया। गणेशजी के मुताबिक आप बहुत सारी सुझावों के साथ तैयार थे, लेकिन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए संभवतः आपके पास अधिक समय आैर संसाधन नहीं थे। आैर पढ़ें….

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
भावेश एन. पट्टनी एवं आदित्य साई
गणेशास्पीक्स डाॅटकाॅम टीम

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