भविष्यवाणियों एक्सिस बैंक में इनकी मिलीभगत से हुआ सारा खेल?

एक्सिस बैंक में इनकी मिलीभगत से हुआ सारा खेल?

एक्सिस बैंक में इनकी मिलीभगत से हुआ सारा खेल?

एक्सिस बैंक को एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक के बाद भारत का तीसरे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक माना जाता है। यह बड़े और मध्य स्तर के कॉर्पोरेट बैंकिंग, रिटेल बैंकिंग, एसएमई बैंकिंग, कृषि व्यवसाय बैंकिंग, अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग, ट्रेजरी आदि में सेवाएं प्रदान करता है। इसका हेडक्वाटर मुंबई में है। एक्सिस बैंक के पास भारत का तीसरा सबसे बड़ा एटीएम नेटवर्क और चौथा डेबिट कार्ड का सबसे बड़ा आधार है। इन सब उपलब्धियों के बावजूद, नोटबंदी के बाद यह बैंक अपने आपको विवादास्पद सुर्खियों से बाहर निकालने में कठिनाई महसूस कर रहा है। इस लेख में गणेशजी एक्सिस बैंक के फाउंडेशन चार्ट का विश्लेषण करते हुए आगामी वर्ष की भविष्यवाणी करते हैं।
एक्सिस बैंक का फाउंडेशन चार्ट

एक्सिस बैंक के फाउंडेशन चार्ट की ज्योतिषीय दृष्टि से हाइलाइट्स
एक्सिस बैंक की फाउंडेशन कुंडली की सबसे बड़ी विशेषता वृश्चिक राशि में 5 ग्रहों की युति का होना है। ये 5 ग्रह हैं-सूर्य, मंगल, बुध, शुक्र और राहु। गणेशजी कहते हैं कि वृश्चिक राशि चरम सीमाओं वाली राशि है। इसलिए इसकी स्टॉक पोजीशन में एक प्रकार की अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव रहना स्वाभाविक ही है। शनि अपनी स्वराशि कुंभ में अच्छी तरह से स्थापित है। शनि की यह नियुक्ति बैंक को एक बढ़िया स्थिरता प्रदान करते हुए मुश्किलों का सामना करने की भी क्षमता देती है।

समस्याओं की मूल वजह
अशुभ राहु के साथ मंगल, सूर्य, शुक्र और बुध इन चार ग्रहों का होना इस बैंक को विवादों में फंसा देता है। ऊपर से गोचर के शनि के इन इकट्ठा ग्रहों के ऊपर से गुजरने से इसको नए-नए विवादों का सामना भी करना पड़ रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि कानून और इससे संबंधित एजेंसिएक्सिस बैंक में इनकी मिलीभगत से हुआ सारा खेल?यों का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए, एक्सिस बैंक के लिए यही अच्छा रहेगा कि वे अपनी कमियों को सुधारने के लिए कुछ एेसे आवश्यक कदम उठाए जिससे नुकसानों से बचा जा सकें। इसके अतिरिक्त, कुंभ राशि में गोचर के शनि के ऊपर से अशुभ केतु का गुजरना परेशानियों को और भी बढ़ा रहा है। इसलिए वर्ष 2017 में एक्सिस बैंक को और भी समस्याओं और विवादों का सामना करना पड़ सकता है।

जनवरी 2017 – एक महत्वपूर्ण महीना?
गणेशजी कहते हैं कि कुंभ राशि में मंगल और केतु इन दोनों ग्रहों के साथ-साथ पारगमन करने से बैंक की मुश्किलें और भी बढ़ जाएंगी। ग्रहों की हलचल से इसके एडमिनिस्ट्रेशन में किसी प्रकार के फेरबदल की संभावना नजर आती है। अप्रत्याशित बाधाएं बैंक को अपने चंगुल में ले सकती हैं। 20 जनवरी, 2017 तक की अवधि इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण कही जाएगी। कंपनी में शेयरों में निवेश की योजना बना रहे लोगों को इस अवधि के पूरे होने तक काफी सावधान रहना होगा। 1 जनवरी, 2016 से 4 जनवरी 2016 के बीच का स्लॉट इस दृष्टि से काफी अनिश्चितताओं वाला और समस्याओं से भरा होने की संभावना है।

दैवी कृपा से आसुरी शक्तियों से बचाव
प्रतिकूल ग्रहों के पारगमन के बावजूद, गुरू बृहस्पति की कृपा से बैंक को सभी तरह की चुनौतियों को पार करने में मदद मिलेगी। पर समस्त ग्रहों की स्थिति, उनके भावों, उनके आपसी संबंध और उन पर पड़ने वाली दृष्टियों के गुण-दोष का विश्लेषण करने पर गणेशजी को यह महूसस होता है कि बैंक के लिए आफतों से बाहर निकलना इतना सहज भी नहीं होगा। ग्रहों के निगेटिव प्रभाव से अनिष्टकारी ताकतों को बल मिलेगा। बुरी ताकतें एक्सिस बैंक के लिए आगे और भी गंभीर हालात पैदा करती हुई संगठन की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचा सकती हैं।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
धर्मेश जोशी
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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