अगर कोई वर्ष शख्स2014 के लोकसभा चुनावों के लिए मैन ऑफ़ द सीरीज अवार्ड का हकदार रखता है तो वह है गुजरात के प्रभावशाली नेता अमित शाह है। उत्तर प्रदेश के सामरिक और राजनीतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं राज्य की सीटों में से एक सीट का प्रतिनिधित्व करने का निश्चय किया और अपने सबसे भरोसेमंद व्यक्ति को इसकी रक्षा के लिए तैनात किया। वहीं राज्य में स्थानीय पार्टियों का वर्चस्व इतना शक्तिशाली है कि भाजपा और कांग्रेस जैसी बड़ी व राष्ट्रीय पार्टियां उतनी असरकारक नहीं रहती।
अमित शाह ने अपने तरीके से बीजेपी की तरफ से मोर्चे का नेतृत्व संभाला और बीजेपी को राज्य में अभूतपू्र्व 73/80 सीटें दिलाई। यह तो एक एेसा आंकड़ा था कि राजनीतिक पंडितों के भी सोच से बाहर की बात थी।
वर्ष 2014 में अपनी श्रेष्ठता साबित करने के बाद अमित शाह ने पार्टी के अध्यक्ष के रूप में अपनी श्रेष्ठता का दावा किया। इस भाजपा नेता की शक्ति को महसूस करते हुए, नीतिश यादव और उनके महागठबंधन ने अपनी समस्त ताकत झोक दी। माइनॉरिटी में होने के कारण पार्टी राज्य सभा में संघर्ष कर रही है और स्पष्ट बहुमत के लिए इसे और अधिक राज्यसभा सीटों की आवश्यकता है।
बिहार चुनावों के परिणाम के बाद, अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए उत्तर प्रदेश राज्य चुनावों के लिए एक सर्वोत्कृष्ट रणनीति तैयार करना बहुत जरूरी है। चलिए, गणेशजी के द्वारा यह जानने की चेष्टा करते है कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में अमित शाह का कार्यकाल कैसा रहने वाला है।
अमित शाह
जन्म तिथि: 22 अक्टूबर, 1964
जन्म स्थान: मुंबई, भारत
अमित शाह की सूर्य कुण्डली
महत्वपूर्ण ज्योतिषीय विश्लेषण और भविष्यवाणी-
कौन सी विशेषताएं इन्हें एक प्रमुख राजनेता बनाती है?
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कन्या लग्न में पैदा हुए हैं। यहां यह बात ध्यान रखने वाली है कि बुध लग्न का स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव का भी स्वामी है, जो इस बात का प्रतीक है कि यह सत्ता और राजनीति पर अपना नियंत्रण रखता है। प्रतिभा के साथ तार्किक योग्यता की बहुलता, सूक्ष्म रूप से गौर करने की क्षमता और उत्कृष्ट विश्लेषणात्मक कौशल ये सभी चीजें कन्या नग्न के जातकों की स्वाभाविक विशेषताएं होती हैं। इसके अतिरिक्त, इनकी पत्रिका के दूसरे भाव अर्थात वाणी के स्थान में बुध की सूर्य के साथ युति है, जो तुला राशि में बुध-आदित्य नामक एक प्रसिद्ध योग का गठन कर रहा है। यह तुला राशि शुक्र द्वारा शासित होती है। ग्रहों की यह स्थिति अमित शाह को एक बेहद शांत आभा लिए एक दुर्जेय वक्ता बनाती है। इसके अलावा, राहु की दशम भाव में उपस्थिति इन्हें एक उत्कृष्ट रणनीतिकार भी बना रही है, जिससे ये संचालन और अभियान का काम बड़ी ही खूबसूरती से करते हैं।
भाजपा अध्यक्ष के रूप में यूपी राज्य सभा चुनाव में इनकी भूमिका कैसी रहेगी?
अगस्त 2016 को, नवम भाव अर्थात भाग्य स्थान को व्यक्त करने वाला कारक द्वादश भाव से लग्न भाव में आ जाएगा। यह 13 महीने की अवधि इनके लिए भाग्य और समृद्धि का समय होगी। गणेशजी का विश्वास है कि अमित शाह के लिए अगस्त, 2016 से अक्टूबर 2018 तक की समयावधि अपने सभी वांछित प्रयासों में सफलता के लिए बहुत ही सुविधापूर्ण और आशाजनक रहने की संभावना है।
हालांकि, षष्ठ भाव में जन्म के वक्री शनि के ऊपर से केतु के पारगमन का प्रतिकूल प्रभाव अपनी ही पार्टी के सदस्यों की ओर से कठिनाइयों और चुनौतियों को पेश करने का संकत दे रहा है। इसके अलावा, शाह को अपने अज्ञात व गुप्त शत्रुओं से अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी।
उत्तर प्रदेश के राज्य चुनावों के दौरान भाजपा पार्टी अध्यक्ष के रूप में अमित शाह जी-तोड़ कोशिश करेंगे। इनके द्वारा किए गए शानदार प्रयासों की सर्वत्र तारीफें व सराहना होगी। गणेशजी के अनुसार ये अपनी पार्टी के लिए अनुकूल परिणाम लेकर आ सकते हैं।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम