भविष्यवाणियों क्या ग्रहदशा देंगी चिनम्मा शशिकला का राजनीती में साथ?

क्या ग्रहदशा देंगी चिनम्मा शशिकला का राजनीती में साथ?

जयललिता की बेस्ट फ्रेंड व साया कही जाने वाली शशिकला नटराजन पिछले कुछ वर्षों से जया के साथ-साथ चर्चा में रही हैं। भारत के सुदूर दक्षिणी राज्य में राजनैतिक स्थितियों ने अब काफी करवटें ले ली हैं। भाग्य के जोर से शक्ति और प्रसिद्धि इनके दरवाजे पर दस्तक दे रही है। जहां अन्नाद्रमुक पार्टी (AIADMK) के नेतागण उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें गद्दी पर देखना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज के कुछ वर्गों के बीच उन्हें लेकर नाराजगी भी है। कुंडली के फलादेश में गणेशजी यह संभावना व्यक्ति करते हैं कि शशिकला को ऊंचा उठाने में कुंडली के ग्रहों का समर्थन तो उन्हें प्राप्त हो रहा है पर, गोचर के ग्रह उनकी प्रगति की राह में कांटें बिछाते हुए उनकी परीक्षा ले रहे हैं। तो आइए इन स्थितियों की ज्योतिषीय दृष्टि से समीक्षा करते हैं।

शशिकला नटराजन
जन्म तिथि: 29 जनवरी, 1956
जन्म समय: ज्ञात नहीं
जन्म स्थान: मन्नारगुडी, तमिलनाडु, भारत

शशिकला नटराजन की सूर्य कुंडली

kundali

हमारे विशेषज्ञों द्वारा अपनी हस्तलिखित जन्मपत्री प्राप्त करें।

[कृपया ध्यान दें: सुश्री शशिकला नटराजन के जन्म समय का ठीक से पता नहीं होने के कारण उनकी भविष्यवाणी सूर्य कुंडली के आधार पर की गई है। फलकथन का आधार उनकी जन्म तिथि और जन्म स्थान को बनाया गया है।]


गणेशजी नोट करते हैं कि जयललिता की बेहद करीबी रहीं शशिकला नटराजन की सूर्य कुंडली में सूर्य मकर राशि में विद्यमान है और बुध के साथ युति में है। ग्रहों की यह स्थिति शशिकला की राजनीति में कुछ हद तक सफलता को दर्शाती है। बुध इनकी कुंडली में वक्री गति में है और वृश्चिक राशि से शनि की दृष्टि द्वारा प्रभावित हो रहा है। इससे पता चलता है कि ये बहुत ही बुद्धिमान है और नये विचारों से युक्त रहती हैं। इसके अलावा, ये सोच-विचारकर व्यावहारिकता भरे निर्णय भी लेने में सक्षम हैं।

सिंह राशि में चंचल चंद्रमा और उदार बृहस्पति युति में हैं। इन दोनों ग्रहों की युति इन्हें प्रसिद्धि, ऊंचा पद और सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदान करती है। इसके साथ गुरू इनके जन्म के शुक्र को भी देख रहा है। ये तीनों ग्रह ही लाभ प्रदायी ग्रह कहे जाते हैं और इनकी शुभ स्थिति में होने से इन्हें जयललिता जैसी प्रभावशाली महिला और लोगों का साथ प्राप्त हुआ।

अपने समर्थकों के बीच चिनम्मा के नाम से मशहूर शशिकला की कुंडली में मंगल, शनि और राहु वृश्चिक राशि में युति में हैं। इन तीनों ही ग्रहों का अपनी अशुभ स्थिति में होना, इनके लिए एक अस्पष्ट स्थिति चित्रित करता है। शनि-राहु का साथ होना कानूनी मुद्दों में जोखिम के साथ-साथ बाधाओं और चुनौतियों को बताता है। इसकी वजह से इनके जीवन उतार-चढ़ावों से भरा रहेगा। इन दोनों ग्रहों के बुरे असर से इनके कार्यकलापों को लेकर लोग असमंजस की स्थिति में रहेंगे। इसके अलावा, इनके साथ मंगल की उपस्थिति उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों के साथ मतभेदों की ओर इशारा कर रही है। लेकिन, दूसरी ओर इनके सकारात्मक पक्ष की ओर ध्यान दें तो राहु, मंगल और शनि की तिकड़ी वृश्चिक राशि में होती है। इससे ये जटिल स्थितियों से निपटने के लिए बुद्धिमानी से रणनीतयां बनाती हैं। एक साहसी महिला होने के नाते नए विचारों को भी अमल में लाने से नहीं हिचकिचाती। लोगों की भीड़ और राजनीतिक समर्थन को जुटाने में समर्थ रहेंगी। लेकिन कुछ अवसरों पर इनके दांव उल्टा पड़ जाने के खतरे को देखते हुए इनको काफी सावधान रहना होगा।

एआईएडीएमके की सबसे कद्दावर नेता मानी जाने वाली शशिकला नटराजन के चरित्र पर गौर करने से यह पता चलता है कि ये एक बेहद महत्वाकांक्षी महिला हैं। मकर, वृश्चिक और मीन इन तीनों राशियों पर कुंडली के सभी महत्वपूर्ण ग्रहों का जमे रहना इस बात का सूचक है। ऐसे ग्रहीय विन्यास वाला व्यक्ति समाज में प्रसिद्धि, शक्ति और प्रतिष्ठा प्राप्त करने का अभिलाषी होता है।


गोचर का गुरू इस समय सूर्य व बुध पर अपनी दृष्टि डाल रहा है जिससे शशिकला नटराजन के करियर को बढ़ावा मिलेगा। गोचर के शनि का इनके जन्म के शनि के ऊपर से गुजरना इनके निजी जीवन और राजनीतिक करियर के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और निर्णायक समयावधि को इंगित करता है। जनवरी 2017 से अप्रैल 2017 के मध्य की अवधि इनके लिए काफी अहम रहेगी। इनका पार्टी और उससे संबंधित राजनीतिक मामलों पर प्रभुत्व बढ़ेंगा। पार्टी में किसी प्रमुख पद को प्राप्त करने के दृष्टिकोण से जनवरी से अप्रैल 2017 तक की अवधि इनक लिए मंगलदायी रहेगी। इसे देखते हुए तमिलनाडु की राजनीति में वीके शशिकला के एक मजबूत नेता के रूप में उभर कर सामने आने की संभावना है।

हालांकि, गोचर का राहु इनके जन्म के चंद्र और गुरू के ऊपर से होकर भ्रमण कर रहा है। राहु के कुप्रभाव से इनके द्वारा लिए गए फैसले नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। गोचर के केतु का भ्रमण इनके जन्म के शुक्र के ऊपर से होने से पार्टी के अंदर-ही-अंदर अंदरूनी संघर्ष की स्थिति पैदा करवाएगा। सियासी जंग में इनकी प्रतिष्ठा को भी धूमिल करने के प्रयास होंगे। कुछ कानूनी मुद्दे इनकी प्रगति की राह में रोड़े बन सकते हैं।


गणेशजी को लगता है कि अनुकूल ग्रहों की शक्तियां विनाशकारी ग्रहों की शक्तियों से लड़ने में पर्याप्त रूप से भरपूर नहीं होने से शशिकला को विवादों और मुसीबतों से नहीं बचा सकेंगी। ऐसे में प्रतिकूल परिस्थितियों और षड़यंत्रों की बारूदी सुरंगों से बचने के लिए शशिकला नटराजन को अपना हर एक कदम फूंक-फूंक कर आगे बढ़ाना होगा।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम