भविष्यवाणियों शिवसेना और बीजेपी गठबंधन 2019 का लोकसभा चुनाव पर असर

शिवसेना और बीजेपी गठबंधन 2019 का लोकसभा चुनाव पर असर

शिवसेना और बीजेपी गठबंधन 2019 का लोकसभा चुनाव पर असर

शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन कितना मजबूत?

चुनाव आते ही कांग्रेस और भाजपा को अपने पुराने दोस्तों की याद आने लगी है। दोनों बड़ी पार्टियों ने उनके साथ चुनावी समझ बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। महाराष्ट्र जैसे अतिमहत्वपूर्ण राज्य में बीजेपी ने अपने पुराने साथी शिवसेना के साथ गठबंधन किया है। इस गठबंधन को राजनीतिक पंडित पहले से ही तय मान रहे थे। पांच साल तक अमित शाह को आंखे दिखाते रहे उद्धव ठाकरे अकेले अपने पार्टी को चुनाव मैदान में नहीं ले सकते हैं। अमित शाह को भी पार्टी के लिए हिंदुत्व को सपोर्ट करने वाली पार्टी साथ चाहिए। महाराष्ट्र की 48 सीटों में से शिवसेना 23 और भाजपा 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जानते हैं ग्रहों की स्थितियां दोनों के लिए कितनी मजबूत है।

बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन के समय की कुंडली

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जीतने के लिए बीजेपी-शिवसेना को लगाना होगा एड़ी-चोटी का जोर

शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन के अनाउंसमेंट के समय की कुंडली को देखें, तो लग्न के अधिपति सूर्य, लाभ स्थान के स्वामी बुध के साथ सातवें घर में स्थित है। सूर्य की दृष्टि लग्न पर भी है, इसलिए दोनों पार्टियों के लिए गठबंधन करना अच्छा है। हालांकि 12वें भाव में चंद्र और राहु की युति बताती है कि दोनों पार्टियों की विचारधारा और काम करने के तरीकों में अंतर हो सकता है। शनि की सूर्य पर तीसरी दृष्टि से पता चलता है कि दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं को अपने लक्ष्य को पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा। दोनों के बीच विश्वास की डोर कमजोर बनी रहेगी।

बृहस्पति की दृष्टि और शुक्र-शनि की युति

त्रिकोण में बैठे मंगल और शनि-शुक्र की युति है। इस कारण दोनों ही पार्टियां 2019 में लक्ष्य प्राप्ति के लिए जबरदस्त कैंपेन करेंगी। बृहस्पति की दसवें भाव पर दृष्टि गठबंधन को सफल तो बना रही है, लेकिन दोनों पार्टियों के एक-दूसरे पर विश्वास जताने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। राहु-चंद्र की युति पार्टी के अंदर के विरोधियों को भी बलवान बनाएगी। इस बार विरोधी पार्टियां भी मजबूत स्थितियों में है। बीजेपी और शिवसेना की कुंडली पर नजर डालें, तो सात मार्च से होने वाली शनि-केतु की युति कुछ अनएक्सपेक्टेड रिजल्ट देगी। दोनों के बीच का यह गठबंधन या तो एक तरफा जीत हासिल कर लेगा, या सुपड़ा साफ हो जाएगा। दोनों पार्टियां जो सोच रही है, उससे अनएक्सपेक्टेड रिजल्ट दोनों को आश्चर्य से भर देगा।

आचार्य भारद्वाज के इनपुट के साथ
गणेशास्पीक्स डॉट कॉम/हिंदी

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