भविष्यवाणियों क्या केशव प्रसाद मौर्य की चुनावी मेहनत रंग लाएगी, जानिए क्या कहते हैं ग्रह-नक्षत्र…

क्या केशव प्रसाद मौर्य की चुनावी मेहनत रंग लाएगी, जानिए क्या कहते हैं ग्रह-नक्षत्र…

उत्तरप्रदेश में सत्ता हासिल करने की होड़ में कोई भी पार्टी पीछे नहीं है। भाजपा भी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को जीतने के लिए हर पैंतरा आजमा रही है। ‘जो राम को लाये, आप उन्हें लाइए’ के नारे के साथ भाजपा नेता और वर्तमान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) घर- घर जाकर अपनी पार्टी के लिए वोट बैंक खड़ा करने में जुटे हैं। कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे केशव प्रसाद मौर्य को हाल ही में अपने ही क्षेत्र सिराथू में विरोध का सामना करना पड़ा। हालाँकि राजनीती में छोटे-मोटे विरोध का सामना होना आम बात है, लेकिन मौर्य की कुंडली की ग्रहदशाएं बताएंगी कि कहीं यह विरोध UP election 2022 में उनके लिए नुकसानदेह तो साबित नहीं होंगे। आइए देखें उनकी सूर्य कुंडली विस्तार से…


केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) का जन्म 7 मई 1969 को सिराथू, उत्तरप्रदेश में हुआ था। इस आधार पर उनकी सूर्य कुंडली का विश्लेषण करें तो उनकी कुंडली में सूर्य उच्च का है जो पहले भाव में स्थित है। पहले भाव में सूर्य की उपस्थिति जातक को आत्मविश्वासी, प्रैक्टिकल और विवेकशील बनाती है। इसके साथ ही, उनके पास एक रचनात्मक क्षमता है जो उनके व्यक्तित्व की गरिमा को बढ़ाती है और उनकी उपस्थिति लोग ख़ारिज नहीं कर पाते हैं। इसके जरिए केशव दूसरों को आसानी से प्रभावित कर लेते हैं। सूर्य राजनीती में उनकी स्थिति को मजबूत करने का कारक है। हालाँकि प्रथम भाव में शनि सूर्य के साथ स्थित है और नीचभंग राज योग भी बनाता है, जो उन्हें सामाजिक जीवन और राजनीति में लोकप्रियता हासिल करने में मदद करता है। लेकिन, सूर्य-शनि की युति टकराव वाली होती है इसीलिए यह अन्य दिग्गज नेताओं के साथ उनके वैचारिक और विवादों का भी संकेत देती है।


इनकी कुंडली में मंगल अपनी ही राशि वृश्चिक में स्थित है जो संकेत करता है कि वे वैचारिक रूप से स्वतंत्र है। मंगल से मिली ऊर्जा उन्हें उत्साही, साहसी, जुझारू और सकारात्मक बनाती है। मंगल डोमिनेन्स का भी कारक है इसीलिए केशव हमेशा किसी प्रभावशाली पद पर रहने की तीव्र इच्छा रखते हैं। और उसके लिए वे अपनी सीमाओं को तोड़ भी सकते हैं। वृश्चिक राशि में मंगल होने से वे थोड़े रहस्यवादी भी है। उनके मन की योजनाएं वे अंत तक किसी से साझा नहीं करते हैं।
केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) की कुंडली में उच्च का शुक्र है जो बारहवें भाव में राहु के साथ युति में है। यह युति उनके लिए सकारात्मक है क्योंकि शुक्र उनके चर्चित होने का कारक है, लेकिन, छठें भाव में बृहस्पति और केतु की युति उनके लिए UP election 2022 में कई समस्याएं पैदा कर सकती है। कहा जा सकता है कि उनकी कुंडली में कुछ मजबूत ग्रहों के साथ कुछ जटिल ग्रह संयोग भी हैं।


वर्तमान में घट रहे गोचर की बात करें तो इस समय राहु का गोचर इनके जन्म के बुध के ऊपर से हो रहा है और गोचर का केतु जन्म के मंगल के ऊपर जा रहा है इसलिए उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को कुछ विवादों और कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, शनि की साढ़े साती का अंत उनके UP election 2022 के मार्ग को कठिन बना सकता है। हालाँकि बृहस्पति का वर्तमान और आगामी गोचर उनके लिए अनुकूल रहेगा। यह कड़ी चुनौतियों के बीच केशव की स्थिति को मजबूत करेगा और भविष्य में भी वह एक प्रमुख पद पर बने रह सकते हैं।
साल 2023 में आपके लिए छुपी है कई सारी संभावनाएं, जानने के लिए यहां क्लिक करें


उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) अपनी पार्टी के पक्ष में वोट लेने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। इसीलिए उन्होंने अपने भाषण में राम मंदिर और संस्कृति को मुद्दा बनाते हुए लोगों को संबोधित किया है कि जैसे बंगाल और कश्मीर से हिन्दू लोगों को पलायन करना पड़ा था वैसी ही स्थिति वे उत्तरप्रदेश में नहीं आने देंगे। उन्होंने UP election 2022 में न सिर्फ अपने साथी नेताओं को भारी मात्रा में वोट देकर जीत दिलाने की जनता से अपील की है बल्कि सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किये गए विकासों को भी जनता को बारम्बार याद दिला रहे हैं। चुनाव के परिणामों के साथ पता चलेगा कि उनकी कुंडली के ग्रह उनके साथ-साथ उनकी पार्टी को भी लाभ पहुंचा पा रहे हैं या नहीं।

ये भी पढ़ें-
पुष्कर सिंह धामी! ग्रह फिर दिलाएंगे कुर्सी या जाएगी सत्ता?


Exit mobile version