शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण और गुरू के गोचर से मिली पी चिदंबरम को राहत
एक समय देश के वित्त मंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया केस में बुधवार के दिन सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, उन्हे ईडी द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में दो लाख के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के बाॅन्ड पर जमानत मिल गई है। ग़ौरतलब है कि, पी चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। हांलाकि चिदंबरम को सशर्त जमानत मिली है, और उन्हें देश छोड़ने से पहले कोर्ट की परमिशन लेना होगा। पिछले 105 दिनों से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद चिंदबरम के लिए यह किसी बड़ी राहत से कम नहीं है। पी. चिदंबरम को मिली जमानत के योग कुंडली में 4 नवंबर से दिखाई दे रहे थे। मौजूदा दौर में शनि की साढ़े-साती का शिकार हुए, चिदंबरम के लिए 4 नवंबर 2019 से 29 मार्च 2020 तक का समय कुछ सकारात्मक बदलाव लेकर आने वाला है। इस दौरान कुंडली में अमृत कहे जाने वाले गुरू का पंचम भाव में गोचर चल रहा है। पंचम भाव में विचरण कर रहे गुरू की दृष्टि अपने स्थान से कुंडली के पांचवें, सातवें और नौवें स्थान पर रहेगी। गुरू की दृष्टि से इन घरों से मिलने वाले सकारात्मक प्रभाव चिदंबरम की जिंदगी में देखने को मिलेंगे। लेकिन 26/01/2017 से शुरू हुए साढ़े साती शनि का दुष्प्रभाव अभी भी नुकसान पहुंचाने में सक्षम है। पी. चिदंबरम की कुंडली का विश्लेषण कर यह जानने की कोशिश करते है, कि आने वाला समय उनके जीवन में क्या नया बदलाव लाने वाला है।
पी. चिदंबरम की कुंडली
नाम – पल्लानिअप्पन चिदंबरम
जन्म तारीख़ – 16 सितंबर 1945 (आयु 74)
जन्म समय – 06:30 PM
जन्म स्थान – कंदनूर, मद्रास प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (अब तमिलनाडु, भारत में)
एक नजर कुंडली पर…..
पी. चिदंबरम की कुंडली पर नजर डालें तो, प्रथम भाव में सूर्य-बुध बैठे है। पंचम भाव में केतु-चंद्र, लाभ भाव में शनि-मंगल-राहु और बारहवें भाव में शुक्र है। वहीं गोचर ग्रहों की बात करें, तो मंगल-बुध का तीसरे भाव में भ्रमण हो रहा है। चतुर्थ भाव से सूर्य का, पंचम भाव से गुरू-केतु-शुक्र और शनि की महायुति का गोचर हो रहा है। सप्तम भाव से चंद्रमा और ग्यारहवें भाव से केतु का गोचर हो रहा हैं।
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क्यों दुखः-तकलीफों का सामना कर रहे पी.चिदंबरम
यूपीए शासन के दौरान 6 साल से अधिक सालों तक वित्त मंत्री और 4 सालों तक गृहमंत्री का कार्यभार संभाल चुके पी. चिदंबरम के बुरे समय की शुरूआत 26/01/2017 से शनि की साढ़े साती के साथ हुई। तब से अभी तक उन्हे कोर्ट कचहरी से जुड़े कार्यों में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पी. चिदंबरम के लिए कठिनाईयां तब और बढ़ गई, जब आईएनएक्स मीडिया केस में ईडी ने उन्हे गिरफ्तार कर लिया। उस दौरान शनि के दुष्प्रभाव अपने चरम पर थे और उन्हे लंबे समय के लिए हवालात का दुःख भोगना पड़ा। फिलहाल तो चिदंबरम को सशर्त जमानत मिल गई है, लेकिन आने वाले दो साल और चलने वाली साढ़े-साती शनि की दशा के कारण उन्हे सावधानी रखनी चाहिए। खासकर कोर्ट-कचहरी और नियम-कानून से जुड़े मामलों में तो विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अन्यथा दंड या बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि शनि की इस दशा में कूटनीतिक निपुणता के बढ़ने की भी संभावना है। लेकिन इस बात से शनि के व्यापक दुष्प्रभावों को नजर अंदाज़ नहीं किया जा सकता। संभव है, इस दौरान की गई कोई प्लानिंग विफल हो जाए, कई परेशानियां और कठिनाइयाँ सामने खड़ी हो जाएं। शनि की साढ़े साती के दौरान व्यक्ति के धैर्य की असली परीक्षा होती है। इस दौरान जातक को धैर्य रखते हुए, छोटी-छोटी चीजों में खुशी तलाशने की कोशिश करना चाहिए। शनि की साढ़े साती और ग्रहाें के विपरीत गोचर ने जहां चिदंबरम को जेल की सलाख़ों तक पहुंचा दिया था, वहीं साढ़े साती के अंतिम चरण और ग्रहों के मौजूदा शुभ गोचर ने उन्हे राहत देने का काम किया।
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गुरू और अन्य ग्रहों के गोचर से मिल रहे शुभ संकेत
शनि साढ़े-साती की दशा से जूझ रहे पी. चिदंबरम के लिए मौजूदा ग्रहों का गोचर सकारात्मक नतीजे लेकर आया है। 04/11/2019 से उनकी कुंडली में कुछ सकारात्मक बदलाव दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान सबसे अनुकूल गोचर गुरू का माना जा रहा है, मौजूदा समय में गुरू पी.चिदंबरम की कुंडली के पांचवें भाव में भ्रमण कर रहा है। ग़ौरतलब है कि गुरू अपने स्थान से पांचवें, सातवें और नौवें घर पर दृष्टि रखता है। इसका अर्थ यह है, कि गुरू पांचवें भाव से भाग्य, लाभ और लग्न भाव को देख रहा है। वैदिक ज्योतिषी में गुरू को अमृत समान माना गया है, और यदि इसका गोचर या दृष्टि किसी सकारात्मक भाव पर पड़ती है, तो यह अप्रत्याशित शुभ परिणाम प्रदान करता है। गुरू के इसी शुभ गोचर के फलस्वरूप पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया केस में जमानत मिली है। इस शुभ गोचर के अनुकूल परिणाम 29 मार्च 2020 तक देखने को मिलेंगे। कुंडली में गुरू का गोचर जन्म के चंद्र पर हो रहा है, जिससे मानसिक शांति, सही निर्णय और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। इस दौरान उन्हे कई तरह की दूसरी राहतों के भी संकेत मिल रहे हैं। इस दौरान चिदंबरम निजी और सामाजिक जीवन में सही संतुलन कायम कर पाएंगे। कोर्ट कचहरी के मामलों में उन्हे राहत मिलने के संकेत उनकी रिहाई से मिलते ही है। कुल मिलाकर पी. चिदंबरम की कुंडली का अध्ययन करने के बाद निष्कर्ष के तौर पर यह कहा जा सकता है, कि चिदंबरम के लिए साल 2019 का अंत और 2020 शुरूआत दोनों की बेहतर परिणाम लेकर आने वाले है।
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