लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले को मिलेगा मतदाताओं का बेहतर समर्थन
शरद पवार की बेटी और राष्ट्रवादी कांग्रेस से बारामती की वर्तमान सासंद सुप्रिया सुले देश की राजनीति में एक जाना पहचाना नाम है। कई मामलों को लेकर वे चर्चा में रही हैं। पहली बार वर्ष 2006 में वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित की गई और वर्ष 2009 की लोकसभा में भी वे विजयी रहीं। इसके बाद वे निरंतर अागे बढ़ती रहीं। 31 अगस्त 2009 को उन्हें विदेशी मामलों की समिति, ग्रामीण विकास समिति का सदस्य घोषित किया गया तो 23 सितंबर 2009 को उन्हें महिला विकास समिति का सदस्य और इसके बाद 7 अक्टूबर 2009 को उन्हें आचार समिति का सदस्य बनाया गया। जानते हैं लोकसभा चुनाव 2019 के लिए उनकी कुंडली क्या कहती है
राइट टू डिस्कनेक्ट बिल से अायीं चर्चा में
एक राजनीतिज्ञ होने के साथ ही वे कई संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं। इतना ही नहीं कुछ साल पहले सोशल मीडिया पर सेल्फी विद पोटहोल्स अभियान से भी वह चर्चा में रहीं और इसी साल जनवरी में लोकसभा में कर्मचारियों के लिए राइट टू डिस्कनेक्ट बिल पेश कर भी चर्चा में अायीं है। इस बिल में प्रावधान है कि कार्य घंटे के बाद अगर कंपनियां कर्मचारियों को फोन करती है तो कर्मचारी फोन को डिस्कनेक्ट कर सकते हैं। ऐसे में सुप्रिया सुले की चर्चा करनी तो बनती ही है।
सुप्रिया सुले
जन्म तिथि – 30 जून 1969
जन्म का समय – 11:00 (अपुष्ट)
जन्म स्थान – पुणे
पब्लिक लाइफ और राजनीति में है ऊंचा उठने की क्षमता
सुप्रिया सुले की कुंडली के विश्लेषण से पता चलता है कि वे सिंह लग्न में पैदा हुई हैं और लग्न का स्वामी सूर्य कुंडली के लाभ के भाव यानी 11 वें घर में स्थित है। ज्योतिषीय अाकलन के मुताबिक इस प्रभाव से उनके पास पब्लिक लाइफ और राजनीति में काफी ऊंचाई तक पहुंचने की क्षमता है। इसके साथ ही उनमें प्रभावशाली संपर्क शक्ति हासिल करने की क्षमता भी है। सूर्य उन्हें जिम्मेदार, उदार और व्यापक दिमाग वाला बनाता है। वह शक्तिशाली से ज्यादा लोकप्रिय होना पसंद करती हैं और उनकी यही बात उन्हें मतदाताओं के बीच लोकप्रिय बनाती है।
सुप्रिया की कुंडली में मंगल बना रहा है राजयोग
कुंडली की चर्चा करें तो योगकारक मंगल चौथे भाव में है और 10 वें भाव को देख रहा है, जो एक मजबूत राजयोग है। यह सफलता, प्रसिद्धि और प्रभावशाली स्थिति प्रदान करता है। वैसे शनि कुंडली में कमजोर राशि में है, लेकिन लेकिन केंद्र में मंगल की स्थिति के कारण इसकी दुर्बलता का प्रभाव खत्म हो गया है। यह उन्हें एक मजबूत नेतृत्व क्षमता भी प्रदान करता है।
विरोध के बावजूद समर्थन जुटाने में रहेंगी सफल सुप्रिया सुले
वर्तमान स्थिति की बात करें तो सुप्रिया सुले राहु की महादशा और मंगल भुक्ति के प्रभाव में है। मंगल की मजबूत अवधि बताती है कि आने वाले चुनावों में वह काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। ऐसे में गुरु का ट्रांजिट यह भी इंगित करता है कि वह आसानी से टिकट की एक बड़ी दावेदार हो सकती हैं। इतना ही नहीं वे मतदाताओं की नब्ज को छूने में भी सक्षम होंगी साथ ही उनके महत्व और प्रमुखता को भी महसूस किया जाएगा। उनके करिश्माई व्यक्तित्व और मजबूत नेतृत्व क्षमता उनकी पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में समर्थन जुटाने में मदद करेगी। हालांकि, वे साढ़े साती के मध्य चरण से गुजर रही हैं, साथ ही शनि और केतु के धनु में गोचर सुप्रिया सुले के लिए थोड़ी परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इन सभी परेशानियों के बीच वे मतदाताओं का समर्थन जुटाने में सफल होंगी,और कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच अपने विरोधियों से पार पाने में भी सक्षम होंगी।
आचार्य भारद्वाज के इनपुट के साथ
गणेशास्पीक्स डॉट कॉम/ हिंदी
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