भविष्यवाणियों लोकसभा चुनाव 2019 पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और कारक ग्रहों की स्थिति का असर

लोकसभा चुनाव 2019 पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और कारक ग्रहों की स्थिति का असर

लोकसभा चुनाव 2019  पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और कारक ग्रहों की स्थिति का असर

अागामी चुनाव से ठीक पहले पड़ोसी देश के साथ भारत के संबंधों में तल्खी अायी है। एक तरफ पाकिस्तान समर्थित अांतकी संगठनों ने भारतीय सीमा में प्रवेश कर आतंकी हमला किया,तो जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर अातंकी ठीकानों को नष्ट कर दिया। इसके बाद से दोनों देशों में तनाव जारी है। इस तनाव का असर आगामी चुनाव पर भी पड़ना ही है।

भारत की कुंडली

भारत और पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है मंगल का पारगमन

भारत वर्तमान में चंद्र महादशा और बृहस्पति भुक्ति के प्रभाव में है। चंद्रमा तृतीय भाव (पड़ोसियों का घर) का स्वामी है और बृहस्पति 8 वें घर (प्रतिकूलताओं का घर) का स्वामी है। इसलिए, भारत को अपने सभी पड़ोसियों के साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि वे भारत के लिए सिरदर्द और परेशानी पैदा करने का कोई अवसर नहीं छोड़ेंगे। युद्ध और विनाश का ग्रह मंगल भारत के चार्ट में 7 वें घर (युद्ध का घर) का स्वामी है। वर्तमान में मंगल उग्र मेष राशि में 12 वें भाव से गुजर रहा है और 7 वें भाव को देख रहा है। ऐसे में, विदेशी आतंकवादी संगठनों की घुसपैठ के कारण सीमाओं पर तनावपूर्ण माहौल रहेगा। यहां ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि मंगल ग्रह पाकिस्तान के चार्ट में लग्न का स्वामी है। इसलिए, मंगल के पारगमन का प्रभाव दोनों देशों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा। पाकिस्तान भी शुक्र-बृहस्पति दशा काल से गुजर रहा है। शुक्र और बृहस्पति दोनों ही युद्ध के 7 वें भाव से जुड़े हैं, जो दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थितियों की ओर इशारा करता है।

मार्च-अप्रेल में भारत-पाक के बीच बढ़ सकता है तनाव

मेष राशि में मंगल के मौजूदा गोचर के कारण पहले ही दो घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें एक पुलवामा हमला और दूसरा भारतीय वायु सेना द्वारा की गई स्ट्राइक शामिल है। 5 मार्च से 14 मार्च के बीच की अवधि दोनों देशों के बीच तनाव पैदा कर सकती है। मंगल सशस्त्र बलों का भी प्रतिनिधित्व करता है और विशेष रूप से रोहिणी नक्षत्र में वृषभ से मंगल के पारगमन के कारण तनाव बढ़ने की संभावना है। 7 अप्रेल से 26 अप्रेल के बीच की अवधि एक बार फिर से तनाव को बढ़ा सकती है। इस अवधि में प्रमुख नेताओं की सुरक्षा कड़ी होनी चाहिए।

लोकसभा चुनाव 2019 : आतंकवाद से निपटना जरूरी

पारगमित शनि-केतु के साथ भारत के चार्ट में 8 वें घर से गुजर रहा होगा। शनि-केतु की युति 7 मई से मंगल-राहु की युति के सामने होगी। ऐसे में 7 मई और 22 जून के बीच की अवधि अत्यधिक विषाक्त और हिंसक हो सकती है। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत और पाकिस्तान दोनों के चार्ट में मिथुन राशि में मंगल हैं। इसलिए, 22 जून तक की पूरी अवधि जिसमें संयोगवश भारतीय आम चुनाव होने हैं, काफी विघटनकारी और विस्फोटक हो सकती है। सरकार को देश के भीतर कानून – व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। यह कहने की जरूरत नहीं है कि सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार और सशस्त्र बलों को सतर्क रहना होगा।अन्यथा इसका असर चुनाव पर जरूर होगा।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
अाचार्य भारद्वाज के इनपुट के साथ
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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