16 अक्टूबर, 2016 से फरवरी, 2017 तक का समय इनके लिए गोल्डल समय होने की संभावना…
टीम इंडिया के हेड कोच पद के लिए वेकन्सी की घोषणा काफी दिनों तक चर्चा में छायी रही। उत्साहित भारतीय क्रिकेट प्रशंसक कई दिनों तक कयास लगाते रहे कि अब कौन अगला भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनकर नेतृत्व करेगा। संभावनाओं की धुंध में से एेसे में अनिल कुंबले का नाम एकाएक उभर कर आया। वर्ष2005 में अनिल कुंबले को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से व 1995 में अर्जुन अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया। करिश्माई प्रतिभा के धनी जंबो को एक वर्ष के लिए सर्वमान्य रूप से भारतीय क्रिकेट टीम के अगले कोच के रूप में चुना गया। कुंबले के चुनाव से दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों में हर्ष व आशा की एक नई लहर उमड़ पड़ी। पर क्या यह जंबो टीम इंडिया के कोच के रूप में अपना जादुई प्रभाव डाल सकेगा? इस बारे में अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए हम गणेशजी द्वारा किए गए ज्योतिषीय विश्लेषणों व फलकथन की ओर एक दृष्टि डालते हैं।
अनिल कुंबले
जन्म तिथि: 17 अक्टूबर, 1970
जन्म समय: 09:40 AM
जन्म स्थान: बैंगलोर, कर्नाटक, भारत
अनिल कुंबले की जन्म कुंडली
अनिल कुंबले और ग्रह:
स्पिन के जादूगर अनिल कुंबले वृश्चिक लग्न राशि में पैदा हुए हैं। अाकर्षण का ग्रह, शुक्र इनके लग्न में उपस्थित है। इसके अलावा, भाग्य व नियति का स्वामी चंद्र इनकी कुंडली में सप्तम भाव में स्थित है जो अपनी उच्च राशि में है। कुंबले की जन्मकुंडली में गणेशजी इस स्थिति को बहुत अधिक महत्व देते हैं, क्योंकि यह इन्हें एक करिश्माई व आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी बनाती है। बहुत से लोग इनके मैच जीतने की क्षमता के चलते इनकी तारीफ करते नहीं थकते। ये हार की स्थिति को जीत की स्थिति में बदलने का मातदा रखते हैं। कुंबले के अभूतपूर्व खेल के पीछे कुंडली के एकादश भाव में सूर्य व मंगल के साथ-साथ उच्च के बुध का भी उपस्थित होना माना जा सकता है। एकादश भाव में इस दुर्जेय संयोजन के कारण, कुंबले हमेशा खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते रहे हैं। टीम के कप्तान के रूप में भी प्रायः इन्होंने अपनी क्षमता का श्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
अगर देखा जाए तो ग्रहों के इस बेजोड़ मेल ने ही मैदान के बाहर इन्हें एक अच्छे इंजीनियर का कैलिबर दिया, जिससे इनको अपने प्रोफेशनल लाइफ में भी सफलता प्राप्त हुई।
टीम इंडिया का अगला कोच-जंबो, क्या टीम पर अपना जादू चला सकेगा?
गणेशजी देख रहे हैं कि भारत के पूर्व स्पिन गेंदबाज़ और पूर्व कप्तान अनिल कुंबले अनिल कुंबले के मार्गदर्शन और प्रशिक्षण में भारतीय क्रिकेट टीम आगे बढ़ेंगी। आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे जिसका कि उत्तर नवग्रहों के पास से हम जानने की कोशिश करते हैं। 11 अगस्त, 2016 के बाद, भाग्य, विस्तार और अाशावाद का ग्रह बृहस्पति कन्या राशि में पारगमन शुरू करेगा, जहां मंगल, सुर्य और बुध जैसे शक्तिशाली ग्रहों की तिकड़ी पहले से ही मौजूद रहेगी। ग्रहों का यह पारगमन जंबों के शानदार प्रदर्शन के लिए एक मंच का निर्माण करेगा। अंतर्निहित स्वभाव के अनुरूप कुंबले टीम के संरचनात्मक पुनरूद्धार की भी सोच सकते हैं। कोई विशेष राय बनाने की बजाय ये भारतीय क्रिकेट टीम के हितों को ध्यान में रखकर ‘खरी प्रतिभा के पोषण के सिद्धांत’ के पक्षधर हो सकते हैं। 24 अक्टूबर, 2016 से 23 फरवरी, 2017 तक की अवधि इनके लिए घटनाओं से भरी अवधि हो सकती है। इस समय के दरमियान हम इनसे कुछ अद्भुत कारनामों की उम्मीद कर सकते हैं।
लेकिन, राहु व केतु के दशम भाव में से होकर गुजरने के कारण इनके द्वारा लिए गए कुछ फैसलों से लोगों की भृकुटियां तन सकती हैं। गणेशजी को लगता है कि इस पारमगन के कारण प्रबंधन व बोर्ड के सदस्यों के साथ कुछ गलतफहमियां भी हो सकती हैं।
अप्रैल, 2017 तक भारत एक बार फिर विश्व क्रिकेट की एक महत्वपूर्ण टीम बन सकता है। विभिन्न खिलाड़ियों की रैंकिंग में नाटकीय रूप से वृद्धि होने की संभावना है। कुल मिलाकर देखा जाए तो अनिल कुंबले के कुशल नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम एक अच्छा प्रदर्शन करेगी एेसी गणेशजी को आशा है।
गणेशजी की कृपा से,
आदित्य साई
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम