भविष्यवाणियों रवि शास्त्री बन सकते हैं टीम इंडिया के नये कोच

रवि शास्त्री बन सकते हैं टीम इंडिया के नये कोच

रवि शास्त्री बन सकते हैं टीम इंडिया के नये कोच

अपने समय के दोनों दिग्गज खिलाड़ी रवि शास्त्री और संदीप पाटिल टीम इंडिया कोच के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। दोनों ही करिश्माई व्यक्तित्व के स्वामी है और इन दोनों ने ही भारतीय टीम के लिए अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है। जहां एक ओर शास्त्री ने अपने बल्ले और गेंद से सबको चकाचौंध किया, वहीं दूसरी ओर पाटिनल ने अपने सधे हुए बल्लेबाजी कौशल से संबको मंत्रमुग्ध कर अपनी दिलेरी का परिचय दिया।

इन दोनों के ही यादगार पल रहे हैं। वर्ष 1985के रणजी मैच में रवि शास्त्री ने बड़ोदा के तिलक राज के एक ही ओवर में छह छक्के लगाए। वहीं संदीप पाटिल ने साल 1982 में मैनचेस्टर टेस्ट मैच में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज बाॅब विलिस के एक ही ओवर में छह चौके लगाए। बाॅब विलिस ने बाद में कहा कि दुनियां में और किसी बल्लेबाज ने उनकी गेंदों इतनी निर्दयता से नहीं पीटा जितना कि संदीप ने।

गणेशजी ने दोनों ही सूर्य कुंडलियों का बारीकी से अवलोकन व विश्लेषण किया और पाया कि एक क्रिकेट कोच के रूप में रवि शास्त्री को अधिक अवसर प्राप्त हैं।

Sandeep Patil
18 August 1956
Mumbai

Solar Chart

Ravi Shastri
27 May 1962
Mumbai

Solar Chart

रवि शास्त्री
रवि शास्त्री की सूर्य कुंडली में सूर्य वृष राशि में वक्री बुध के साथ विराजमान है। ये विनम्र, बुद्धिमान, समृद्ध, दृढ़ और जिद्दी हैं। बुध शुक्र के साथ परिवर्तन कर रहा है। कड़ी मेहनत व कुशाग्र बुद्धि से रवि प्रतिकूल स्थितियों से निपटने में सफल रहेंगे।

इनकी जन्मकुंडली में गुरू दशम भाव में विद्यमान है। कोई भी नई जिम्मेदारी लेने से पहले यह सभी पहलुओं पर अच्छी तरह से गौर करने के कारण काफी समय लेते हैं और सफलतापूर्वक अंजाम देते हैं।

इसके अतिरिक्त, मेष राषि में मंगल विराजमान है। शारीरिक रूप से मजबूत तथा आवेगपूर्ण व स्वतंत्रत रहेंगे। ये सीधे एक्शन में विश्वास रखते हैं और रोमांच को तरजीह देते हैं। तो, इस तरह से देखा जाए तो रवि शास्त्री के अंदर एक सफल कोच बनने के सभी आवश्यक गुण व क्षमता हैं।

वर्तमान में गोचर का गुरू इनके चतुर्थ भाव अर्थात जन्म के सूर्य के ऊपर से गुजर रहा है। साथ-साथ इसकी दृष्टि दशम भाव में जन्म के गुरू व चंद्र पर भी पड़ रही है। गुरू का शुभ प्रभाव रवि शास्त्री को एक कोच के रूप में उत्कृष्टता प्राप्त करने तथा आगामी सीरीज में टीम इंडिया को प्रेरित करने में सहायक सिद्ध होगा। हालांकि, सिंह राशि में गोचर का राहु चुनौतियां ला सकता है। यहां गुरू-राहु की युति जून, 2016 तक कोई बहुत शुभ संकेत नहीं कर रही।

संदीप पाटिल
संदीप पाटिल की सूर्य कुंडली में सूर्य सिहं राशि में गुरू के साथ है। इनके भीतर शानदार नेतृत्व की क्षमता है। ये एक अच्छे कोच हो सकते हैं, जो पहल करना पसंद करते हैं और मुश्किलों और बाधाओं में भी अडिग रूप से खड़े रहते हैं।

बुध-गुरू का संयोजन यह इंगित कर रहा है कि संदीप एक अच्छे रणनीतिकार हैं और खेल के हर पेचीदिगियों को भलीभांति जानते हैं। ये एक सम्मानित, साहसी, स्नेही, शक्तिशाली,आशावादी और महत्वाकांक्षी व्यक्ति हैं। संदीप टीम इंडिया को बेहतर परिणाम प्राप्त कराने में मदद कर सकते हैं।

दूसरी ओर अगर हम इनके नकारात्मक पक्ष की ओर ध्यान दें तो ये काफी रौबीले, दबंग या आत्म-केंन्द्रित व्यक्ति हो सकते हैं।

एक स्वतंत्रता पुरूष होने के नाते टीम प्रबंधन के साथ अावश्यक समायोजन और समझौते करने में असमर्थ होने की संभावना है।

वर्तमान में गोचर का गुरू इनके जन्म के सूर्य-गुरू और बुध के ऊपर से भ्रमण कर रहा है। इस सकारात्मक पारगमन ने इनको टीम इंडिया कोच के पद हेतु आवेदन करने के लिए प्रेरित किया है। गोचर का गुरू निश्चित रूप से इस अवसर को शक्ति प्रदान करेगा। वहीं सिंह राशि में गोचर का राहु इनकी प्रगति को सीमित कर सकता है। हालांकि, यह जातक को यदाकदा एकाएक लाभ भी प्रदान कर सकता है।

इसके अलावा, गोचर का शनि वृश्चिक राशि में इनके जन्म के शनि और राहु के ऊपर से भी चलायमान है। इसका बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना है। इनके इस समय साढ़े साती की दशा से भी गुजरने के कारण टीम इंडिया कोच के रूप में इनका मार्ग मुश्किल लगता है।

दोनों ही कुंडलियों में, टीम इंडिया का कोच बनने के लिए अनुकूल ग्रह स्थितियां हैं। हालांकि, शास्त्री को अपेक्षाकृत अधिक बेहतर ग्रहों का समर्थन हासिल है। जहां धनु राशि में होने वाला शनि का पारगमन रवि शास्त्री के लिए कल्याणकारी होगा, वहीं दूसरी ओर यह पारमगन संदीप पाटिल के लिए एक मुश्किल पारगमन रहने की संभावना है। ज्योतिषीय दृष्टि से अगर देखा जाए तो रवि शास्त्री का प्रदर्शन कम विवादास्पद और अधिक सकारात्मक रहने के आसार हैं।

गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
तन्मय के ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम

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