पिछले सप्ताह सीरिया में १००० से भी ज़्यादा लोग रासायनिक हमले से मर गये थे। इस का इल्जाम वहां के राष्ट्र्पति बशर अल-असद पर लगाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि दश्मिक उपनगर में विद्रोहियों को दबाने के लिए रासायनिक हमला करवाया गया, जिसे की सीरिया की सरकार लगातार खारिज कर रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि यदि सीरिया रासायनिक हमले जारी रखता है तो वहां सैनिक कारवाई की जायेगी। इस दिशा में संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिकारी रासायनिक हमले के प्रमाण जुटाने में जुट गये हैं। अमेरिका पहले ही भूमध्य सागर में टॉमहॉक मिसाइलों की तैनाती कर चुका है। वर्तमान स्थितियां तलवार की दुधारी धार जैसी हो गयी है, किसी भी क्षण कुछ भी हो सकता है। आने वाला समय भयानक लग रहा है ऐसा वैदिक ज्योतिषशास्त्र की मदद से गणेशा सीरिया की ग्रहीय स्थिति को देखते हुए बता रहे हैं।
सीरिया
सीरिया देश की कुण्डली में शुक्र की महादशा और बृहस्पति भुक्ति बल में हैं। बृहस्पति सातवें घर का स्वामी है जो कि लड़ाई का घर है तथा केतु के नक्षत्र के साथ प्रतिगामी है। नक्षत्र का स्वामी केतु लग्न के स्वामी बुध के साथ युग्म में हैं। यह ग्रहीय स्थिति बहुत बड़ी भ्रम और तबाही का दृश्य पैदा कर रही है। मंगल वर्तमान में ग्यारहवें घर में जन्म के राहु पर से पारगमन कर रहा है, जो कि बाकी देशों के साथ संबंधो का घर है। मंगल की दृष्टि तुला पर बैठे शनि और राहु पर है। अत: बशर-अल-असद और विद्रोहियों के बीच तनाव बढ़ता ही जायेगा। इस साल के अंतिम तिमाही में राष्ट्रपति बशर-अल-असद काफ़ी मुश्किलों का सामना करेंगे।
अमेरिका अभी मंगल और बृहस्पति की दशा से गुज़र रहा है। मंगल ग्यारहवें घर में लग्न के स्वामी सूर्य के साथ है। मंगल तीसरे, छटवें, सातवें और बारहवें घर से भी संयुक्त है। मंगल शनि को देख रहा है तथा शनि भी मंगल पर दृष्टि है। इन सारी ग्रहीय स्थितियों के प्रभाव से लग रहा है कि अमेरिका युद्ध या युद्ध जैसी गतिविधी में अवश्य पड़ेगा। राष्ट्रपति ओबामा सीरिया में विद्रोहियों को समर्थन प्रदान करना चाहते हैं तथा मध्य-पूर्व में यह संघर्ष नहीं खींचना चाहते। पर वर्तमान ग्रहीय स्थिति उन पर प्रभाव डाल सकती है कि वे सीरिया के संकट में आक्रामक रुख अपनाएं। १७ सितम्बर २०१३ को शनि राहु के साथ डिग्री युग्म में हैं और नीच के मंगल की दृष्टि में है। मंगल शनि की दृष्टि में है। आने वाले चन्द्र और सूर्य ग्रहण सीरिया और अमेरिका दोनो पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाले हैं। अत: इस बात की पूरी संभावना है कि अमेरिका और उस के सहयोगी देश बशर-अल-असद के विरुद्ध ज़रूर कारवाई करेंगे।
गणेशजी के आशीर्वाद सहित,
तन्मय के ठाकर
गणेशास्पीक्स डाॅट काॅम